देहरादून : कैबिनट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। दिल्ली में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। लेकिन सबके मन में कई तरह के सवाल तैर रहे हैं कि आखिर इसकी असल वजह क्या है। कोई कह रहा है कि तराई क्षेत्र में किसान आंदोलन और किसानों का सरकार के प्रति रोष देखते हुए यशपाल आर्य भांप गए थे कि उनकी हार पक्की है और इसलिए वो कांग्रेस में शर्त के साथ शामिल हुए। तो वही कोई कह रहा है कि बीजेपी ने उनकी कोई शर्त नहीं मानी जिसको लेकर ये फैसला लिया गया।
वहीं यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद वो तस्वीर सामने आ रही है जब सीएम पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे। अभी पिछले महीने ही उत्तराखंड के सियासी गलियारे में आर्य के नाराज होने की चर्चा जोरों से उठी थी। इसे तब और बल मिला जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके घर जाकर मुलाकात की। हालांकि उसके बाद प्रदेश भाजपा की तरफ से स्पष्ट किया गया कि ऐसी कोई बात नहीं है। बल्कि परिवहन मंत्री आर्य ने खुद पत्रकारों से कहा था कि यह सब काल्पनिक और मनगढंत बाते हैं। मेरी खामोशी को किसी नाराजी से जोड़ना गलत होगा।
हुआ यूं कि 25 सितंबर शनिवार सुबह मुख्यमंत्री धामी अचानक यमुना कालोनी स्थित कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के आवास पर पहुंचे। आर्य ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और फिर दोनों ने आवास में नाश्ता किया। इस दौरान उनके बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। इसके बाद से इंटरनेट मीडिया व राजनीतिक दलों में यह चर्चा शुरू हो गई कि नाराज कैबिनेट मंत्री को मनाने का सीएम प्रयास कर रहे हैं। कुछ राजनीतिक अनुभवियों ने तभी से यह आशंका जाहिर करना शुरू कर दिया था कि आर्य की कांग्रेस में वापसी संभव है। सीएम ने यशपाल आर्य को गुलदस्ता और मंत्री ने सीएम को पौधा भेंट किया था और नाश्ता किया था।
सीएम से इस मुलाकात की वजह पूछने पर सीएम ने कहा था कि यशपाल आर्य ने उन्हें नाश्ते पर बुलाया है। लेकिन मीडिया और विपक्ष भांप गई थी कि मामला नाराजगी का है। और इस मुकालाक की असल वजह आज पता चली। अब साफ हुआ कि सीएम क्यों उनके आवास पर गए थे । कहा जा रहा है कि सीएम यशपाल आर्य को मनाने में कामयाब नहीं हुए।
कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने देहरादून में कहा कि जाने वाले को कौन रोक सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत हित को देखते हुए यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य कांग्रेस में शामिल हुए होंगे। भाजपा में तो पहले राष्ट्र हित है और फिर व्यक्गित हित है, इसलिए हमारी पहचान अलग है।