देहरादून। उत्तराखंड में ये क्या हो रहा है। एक के बाद एक करके पेपर या तो लीक हो रहे हैं या इनमे धांधली हो रही है। ऐसे में कई भर्ती परीक्षाओं की सालों से जांच चल रही है । इस जांच के चक्कर में रिजल्ट के इंतजार में बैठे बच्चों की उम्र निकल रही है. युवाओं की आस टूट गई है कि अब कि अब फॉर्म भरने का कोई फायदा नहीं। आए दिन होने वाली परीक्षा में धांधली हो रही है। इन दिनों एक औऱ परीक्षा को लेकर बवाल मचा हुआ हा। दरअसल सोशल मीडिया पर अभ्यार्थियों को फोन पर मैसेज करके दावा किया जा रहा है कि उनके पास परीक्षा का पेपर है जो परीक्षा से 3 दिन पहले उपलब्ध करा दिया जाएगा। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। आयोग से शिकायत की गई है और एसटीएफ इसकी जांच कर रही है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की जा रही सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) की परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का अंदेशा है हो सकता है ये एक फ्रॉड हो। दरअसल कुछ अभ्यर्थियों को व्हाट्सएप पर मैसेज किया जा रहा है कि उनके पास परीक्षा पेपर है। इसके लिए युवकों को एक लिंक भी दिया गया है। ये मैसेज कितने अभ्यर्थियों को भेजा गया है इसकी जानकारी नहीं है लेकिन इसकी शिकायत आयोग से की गई है जिसके बाद जांच शुरु कर दी गई है कि आखिर मैसेज करने वाला कौन है और कहां से है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने सहायक अभियोजन अधिकारी के 63 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 21 नवंबर को होनी है। कुछ अभ्यर्थियों को पिछले कई दिनों से व्हाट्सएप पर अलग-अलग नंबर से मैसेज आ रहे हैं कि पेपर लीक हो गया है और उनके पास पेपर है। मैसेज में दावा किया जा रहा है कि उन्हें पेर परीक्षा से 3 दिन पहले उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके लिए 25 से 30 हजार रुपये की मांग की जा रही है। बकायदा पेपर लेने के लिए लिंक भी दिया गया है, जिस पर पंजीकरण कराना है। लिंक दिए जाने के कारण मामले के साइबर फ्रॉड से जुड़ा होने की आशंका भी है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर आवेदन करने वाले अभ्यार्थियों का डाटा कैसे लीक हुआ?
एसटीएफ अजय सिंह का कहना है कि एपीओ भर्ती की परीक्षा का पेपर पहले ही उपलब्ध करवाने की सूचना मिली है। कुछ युवकों ने इस तरह के संदेश आने की शिकायत की है। एसटीएफ मामले की जांच कर रही है। अभ्यर्थियों से भी अपील है कि वह किसी तरह के झांसे में न आएं।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग उत्तराखंड के सचिव कर्मेंद्र सिंह के मुताबिक कुछ आवेदकों ने इस तरह की शिकायत की है। उनसे ई-मेल के जरिये वाट्सएप पर आए संदेश की जानकारी आयोग ने ली है। आवेदकों को आगाह किया गया है कि वह किसी भी तरह के बहकावे में न आएं। आयोग निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए तत्पर है। इस मामले में जांच के लिए कमेटी तय कर दी गई है। फिलहाल आयोग के अध्यक्ष बाहर गए हुए हैं, दो-तीन में उनके लौटते ही जांच के आदेश कर दिए जांएगे।