उत्तराखंड में गजब : यहां 44 लोग डाल गए किसी और का वोट, नहीं लगी आयोग को भी भनक

उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान की प्रक्रिया सम्मपन्न हो चुकी है। 632 प्रत्याशियों की किसमत ईवीएम में बंद है और ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रुप में रखा गया है। उत्तराखंड में इस बार 65 प्रतिशत से अधिकर मतदान हुआ। वहीं बता दें कि इस बार लोगों ने चुनाव में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया खास तौर पर महिलाएं वोट देने के लिए घरों से बाहर निकलीं। वहीं 14 मार्च को रिजल्ट आएगा। लेकिन इससे पहले बड़ी खबर है। जी हां बता दें कि चुनाव आयोग की सख्ती के बाद भी कुछ लोग दूसरे के मत डाल गए। वास्तविक मतदाता जब मतदान के लिए बूथ पर पहुंचे, तब उन्हें इसकी जानकारी मिली कि उनका वोट कोई और डाल गया जिसे टेंडर वोट कहते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार इस बार उधमसिंह नगर जिले में 44 टेंडर वोट पड़े हैं। उधमसिंह नगर के काशीपुर और बाजपुर में 21-21 और सितारगंज में दो टेंडर वोट पड़े हैं।

जानिए क्या होता है टेंडर वोट

जब कोई व्यक्ति अन्य दस्तावेज दिखाकर दूसरे का मत डाल देता है तो वास्तविक मतदाता इसकी आपत्ति जताता है। पीठासीन अधिकारी उसके कागजात की जांच करते हैं, सही साबित होने पर उसे टेंडर वोट का अधिकार दिया जाता है। मतगणना के दौरान जब दो प्रत्याशियों को बराबर मत मिलते हैं तो दो बार काउं;टिंग कराई जाती है। इसके बाद भी अगर वोट बराबर होते हैं तो टेंडर मत की गिनती होती है।  हालांकि अभी तक किसी भी चुनाव में टेंडर मतों की गिनती की नौबत नहीं आ पाई है।

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