देहरादून: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भविष्य में देश में एक सैकुलर सिविल कोड लागू करने के शिगूफे ने उत्तराखंड की धामी सरकार का पिछले लंबे समय से यूसीसी लागू करने के इरादे को सिरे से खारिज कर दिया यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि वैसे तो उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार यूसीसी ड्राफ्ट पहले ही त्रुटिपूर्ण था क्योंकि जब राज्य का एक पूरा वर्ग उसके अधीन आता ही नहीं तो वह यूनिफॉर्म कहलाने योग्य है ही नहीं परन्तु फिर भी धामी सरकार ने उसका नामकरण यूसीसी कह कर ही किया और इस बात का खूब प्रचार किया गया कि यह पूरे देश के लिए एक मॉडल कोड होगा और उसे केंद्र की भाजपा सरकार पूरे देश में लागू करेगी किंतु कल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक सैकुलर सिविल कोड लागू करने की घोषणा कर उत्तराखंड सरकार के यूसीसी के पूरे विचार को ही खारिज कर दिया अब ऐसे में उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार करवाया गया।
यूसीसी नामक दस्तावेज या तो उत्तराखंड सरकार म्यूजियम में सजा के रक्खे या उसे कूड़े दान में फेंके यह सरकार को ही तय करना है।
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने एक फिजूलखर्ची का काम किया जिसमें राज्य की जनता की गाड़ी कमाई का पैसा खर्च हुआ और अब वह लागू भी नहीं हो पाएगा।