उत्तराखंड में नशे की हालत में स्कूल आने और हंगामा करने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ती जा रही है। जो शिक्षक छात्र-छात्राओं को मार्ग दिखाता है और शिक्षा देता है वो नशे की हालत में स्कूल आ रहा है जो ना तो शिक्षा देने की हालत में रहता है और ना ही मार्ग दर्शक बनने की स्थिति में।उत्तराखंड में इन दिनों शिक्षकों के नशे में लिप्त होकर स्कूल आने के एक के बाद एक करके कई मामले सामने आ रहे हैं।
अभी हाल ही में पौड़ी गढ़वाल में एक शिक्षक की स्कूल में नशे की हालत में बिन शर्ट के बच्चों को पढ़ाते हुए की वीडियो वायरल हुई जिसपर एक्शन लिया गया और उसे सस्पेंड किया गया। इसके आदेश भी जारी किए गए और नशा करके स्कूल आने वाले शिक्षकों को चेतावनी दी गई लेकिन फिर भी कई शिक्षक बाज नहीं आ रहे हैं.
बता दें कि ताजा मामला रुद्रप्रयाग जिले का है जहां से एक और पौड़ी जैसा मामला सामने आया है। बता दें कि यहां राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चोपड़ा विकासखंड जखोली रुद्रप्रयाग के शिक्षक जगदीश लाल 25 मार्च 2022 को विद्यालय में नशे की हालत में पाए गए.लिहाजा जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा वाई एस चौधरी ने तत्काल प्रभाव से शिक्षक को निलंबित कर दिया है. साथ ही स्कूल के संपूर्ण प्रभार वरिष्ठ शिक्षक को हस्तांतरित करने के निर्देश भी दिए हैं. दरअसल नशे में पाए जाने वाले शिक्षक जगदीश लाल सहायक अध्यापक के साथ-साथ प्रभारी प्रधानाध्यापक भी थे. लोगों ने ऐसे शिक्षकों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। ऐसे शिक्षक बच्चों को क्या शिक्षा देंगे। ऐसे शिक्षकों को देखकर बच्चे सिर्फ और सिर्फ हंसते हैं और गांव वाले विरोध करते हैं. देखने वाली बात होगी की आखिर विभाग अब क्या सख्त आदेश ऐसे शिक्षकों के लिए जारी करता है