उत्तराखंड में एक बार फिर से एक विधायक ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। एक बार फिर से कैबिनेट मंत्री सुर्खियों में आ गए हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं हरक सिंह रावत की। बता दें कि पौड़ी गढ़वाल के लैंसडौन से विधायक दिलीप रावत ने प्रदेश के ऊर्जा, रोजगार, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोलकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. आपको बता दें कि हरक सिंह रावत अपनी बहू के लिए लैंसडौन से टिकट चाहते हैं औऱ पिछले दिनों अपनी नाराजगी दिखाकर पार्टी पर दबाव भी बना दिया है. लिहाजा अब वहां के विधायक दिलीप रावत ने हरक सिंह के खिलाफ बगावत कर दी और अपने क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.इससे संबंधित एक पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिससे एक बार फिर से भाजपा और मंत्री की किरकिरी हो रही है।
दिलीप रावत ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कालागढ़ वन टाइगर रिजर्व प्रभाग कार्यालय में पोस्ट डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर करने और तीन दिन के भीतर नैनीकांड विद्युत वितरण प्रभाग में अधिशासी अभियंता नियुक्त करने की मांग की है और अगर ऐसा नहीं होता तो वह विधानसभा के बाहर आमरण अनशन पर बैठेंगे. गौरतलब है कि ऊर्जा और वन विभाग हरक के पास ही है.
असल में हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति के लिए लैंस़डौन से टिकट चाहते हैं. जबकि वह राज्य की किसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. पिछले दिनों ही हरक सिंह ने अपनी नाराजगी जताकर पार्टी को असहज कर दिया था. जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने उसे बात की और उनकी नाराजगी को दूर करने का आश्वासन दिया. वहीं अब लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत ने हरक रावत पर निशाना साधा है. रावत ने कहा कि 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने नैनीडांडा डिग्री कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में विद्युत वितरण मंडल के कार्यालय का उद्घाटन किया था और बीस दिन बीतने के बाद भी अधिशासी अभियंता की नियुक्ति नहीं हुई है. रावत ने आरोप लगाया है कि राज्य के ऊर्जा मंत्री के दबाव के चलते यह नियुक्ति नहीं हो पा रही है. वहीं उन्होंने वन मंत्री पर कालागढ़ वन प्रभाग के कार्यालय को कोटद्वार में शिफ्ट करने की कोशिश का भी आरोप लगाया.












