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सोया सिस्टम- 10 महीने से घर बैठे बैठे सैलरी ले रही थी शिक्षिका, ना छुट्टी की स्वीकृति ली, अब गिरी गाज

पौड़ी के शिक्षा विभाग से बड़ा गजब का मामला सामने आया है। एक शिक्षक के हाथ में बच्चे का पूरा भविष्य होता है लेकिन पहाड़ी जिले में तैनात एक शिक्षक ने कुछ ऐसा किया कि हर कोई हैरान‌ है। साथ ही इस मामले से पता चलता है कि हमारा सिस्टम कितना सही काम कर रहा और कितना सक्रिय है। बडा सवाल ये भी है कि गलत होता देख आखिर क्यों शिकायत नहीं की गई? क्या सबकी मिलीभगत से नौकरी चल रही है।

बता दें कि मामला पौड़ी के विकास खंड कोट का है जहाँ एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका बिना छुट्टी स्वीकृति के लंबे समय से गैरहाजिर चल रही थी। लगभग दस महीने से वो आराम फरमाने घर बैठी थी वो भी‌ बिन छुट्टी स्वीकृति के और सैलरी ले रही थी जो की अब उस पर भारी पड गयी।

जी हां बता दें कि विकास खंड कोट के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बहेड़ाखाल में सेवारत एक अध्यापिका लंबे समय से अनुपस्थित चल रही है। जबकि अध्यापिका को विभागीय उच्च अधिकारियों से अवकाश की कोई स्वीकृति नहीं मिली थी। बावजूद इसके वह जनवरी से लगातार गैरहाजिरी चल रही है। बीते दिनों अध्यापिका के लंबे समय से बिना अवकाश स्वीकृति अनुपस्थित रहने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। प्रभारी सीईओ पौड़ी ने बीते 10 अक्तूबर को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए बीईओ कोट से प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। बीईओ दीप्ति ने प्रकरण में विस्तृत रिपोर्ट स्पष्ट संस्तुति के साथ उच्च अधिकारियों को भेजी थी। बीईओ ने बताया कि अध्यापिका की सिर्फ एक सीसीएल स्वीकृत है, उसके अलावा मेडिकल सहित अन्य अवकाश स्वीकृत नहीं है।

बीईओ का कहना‌ है कि राप्रावि बहेड़ाखाल में सेवारत सहायक अध्यापिका पुष्पलता को बिना अवकाश स्वीकृति के लंबे समय से अनुपस्थित रहने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अध्यापिका को उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोट संबद्ध करते हुए आरोप पत्र का जवाब 15 दिनों के भीतर दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अध्यापिका का जवाब मिलने पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

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