पौड़ी गढ़वाल का फेमस पर्यटक स्थल और सैन्य छावनी के नाम से देश और दुनिया में मशहूर लैंसडाउन का नाम बदलने पर मंथन चल रहा है. रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम फिर ‘कालौं का डांडा (काले बादलों से घिरा पहाड़)’ हो जाएगा। 132 साल पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय के आर्मी हेड कवार्टर ने सब एरिया उत्तराखंड से ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे नामों को बदलने के लिए प्रस्ताव मांगें हैं।
रक्षा मंत्रालय ने उनसे ब्रिटिशकाल के समय के नामों के स्थान पर क्या नाम रखे जा सकते हैं, इस बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है। इसी के तहत लैंसडौन छावनी ने इसका नाम ‘कालौं का डांडा’ रखने का प्रस्ताव भेजा है। पहले इसे ‘कालौं का डांडा’ पुकारा जाता था। स्थानीय लोग इसका नाम यही रखने की मांग सालों से कर रहे है और मंत्रालय को भी कई पत्र भेजे जा चुके हैं।
इस पर केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि समय-समय पर क्षेत्र के लोग नाम बदलने की मांग करते रहे हैं। देश, काल और परिस्थितियों को देखकर ऐसे प्रस्तावों पर विचार किया जाता है।