उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में और सरकारी स्कूलों के क्या हालात हैं इससे हर कोई वाकीफ है। टीचर सैलरी तो पाना चाहते हैं लेकिन बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में तो हालत और भी खराब हैं। कहीं स्कूलों से टीचर गायब हैं तो कहीं ताले लगे हुए हैं।
ताजा मामला पौड़ी गढ़वाल के किशोर ब्लॉक का है जहां एक प्रधानाध्यापिका खुद तो स्कूल से गायब रहती है और उसने भाड़े पर एक टीचर रखा हुआ है। जो उसके बदले बच्चों को बढ़ाता है यह मामला विभाग के संज्ञान में आने के बाद प्रधानाध्यापिका को सीईओ डॉ आनंद भारद्वाज ने निलंबबित करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही निलंबित प्रधानाध्यापिका को बीइओ कार्यालय के ऐकेश्वर संबद्ध किया गया है।
पूरा मामला एकेश्वर ब्लॉक बुसरा का है। जहां ग्रामीणों की शिकायत पर विद्यालय में निरीक्षण किया गया था। इस दौरान पता चला कि प्रधानाध्यापिका द्रोपदी तो बिना बताए ही स्कूल से गायब हैं। तब मालूम हुआ कि उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए यानी बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में अपने खर्चे पर एक दूसरी टीचर को रखा हुआ है। इसके बाद फौरन सीईओ प्रभारी सीईओ बेसिक डॉ. आनंद भारद्वाज ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है