देहरादून पुलिस ने आज किसी को जिंदगी दान की ये हम ऐसा इसलिए कह रहे क्योकि कांवड़ियों की भीड़ के बीच कुशल यातायात प्रबंधन से एम्स अस्पताल ऋषिकेश में दान किये गए अंगों को समय से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाने में बडा़ रोल निभाया। देहरादून एसएसपी के नेतृत्व और निर्देश पर पुलिस ने बहुत उम्दा काम किया।
बता देना कि एम्स ऋषिकेश से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस ने 28 कि०मी० की दूरी 18 मिनट में तय की। एम्स प्रबंधन ने एसएसपी देहरादून अजय सिंह से संपर्क कर अंगों को समय से उसके गंतव्य तक पहुँचाने के लिए सहयोग मांगा था।
बता देने कि ऋषिकेश एम्स ऋषिकेश मे आज किसी के द्वारा संपूर्ण मानव अंगों का दान किया गया था, जिनको ट्रांसप्लांट करने के लिए समय से दिल्ली व PGI चंडीगढ़ पहुंचने हेतु जोलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचाना अति आवश्यक था।
*जिसके संबंध में एम्स प्रबंधन द्वारा एसएसपी देहरादून से संपर्क कर अंगों को समय से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सहयोग की अपेक्षा की गई थी, जिस पर एसएसपी देहरादून द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को अंगों को समय से एवं सुरक्षित एम्स ऋषिकेश से जोलीग्रांट तक पहुंचाने हेतु उचित एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाने के संबंध में आदेशित किया गया.जिस पर दान किये गए अंगों को सकुशल एवं समय से जोलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचानेे के लिए कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने एम्स अस्पताल ऋषिकेश की एंबुलेंस का स्कोर्ट किया।
शरीर से निकाले गए अंगों को समय से पहुंचना अति आवश्यक है, जिसके लिए एम्स अस्पताल ऋषिकेश से जोलीग्रांट तक ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए समस्त पुलिस बल को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
वर्तमान समय में ऋषिकेश में श्रावण मास कावड़ मेले के कारण मार्ग पर कांवड़ियों की भीड़ बहुत अधिक होने के चलते पुलिस ने बेहतर यातायात व्यवस्था बनाते हुए एम्स अस्पताल से अंगों को ले जाने वाली एंबुलेंस को एस्कॉर्ट कर अल्प समय मे जोलीग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया।
अंगों को ले जाने वाली एंबुलेंस का रूट
👉 एम्स अस्पताल ऋषिकेश से कोयल घाटी,
👉 कोयल घाटी तिराहा से पुरानी चुंगी,
👉पुरानी चुंगी से परशुराम चौक
👉परशुराम चौक से पुराना बस अड्डा तिराहा
👉पुराना बस अड्डा तिराहा से पुराना रेलवे स्टेशन
👉पुराना रेलवे स्टेशन से डीजीबीआर तिराहा से पास करते हुए गोरा देवी चौक
👉गोरा देवी चौक से नटराज चौक नटराज चौक से सात मोड होते हुए रानीपोखरी
*देहरादून पुलिस की मदद से 28 किलोमीटर की उक्त दूरी को 18 मिनट में तय कर, अंगों को सुरक्षित एवं समय से पहुंचाया गया।*