2015 बैच के दारोगाओं की हर चाल-ढाल पर विजिलेंस की नजर, दिनेश के बताए 5 नामों से 15 नए नामों तक पहुंची थी टीम

2015 दरोगा भर्ती मामला यूकेएसएसएससी की भर्तियों के खुलासे के दौरान सामने आया था। हाकम सिंह गैंग में पंतनगर विश्वविद्यालय का जो कर्मचारी दिनेश चंद्र पकड़ा गया था. उसने ही 7 साल के बाद दरोगा भर्ती का कीचड़ सामने लाया था उसने जो नाम बताएं उन तक एसटीएफ पहुंची जिसके बाद 15 आरोपियों की लिस्ट तैयार हुई. वही इसके बाद डीजीपी की अपील पर सीएम धामी ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंपी थी और विजिलेंस ने 20 नामों के खुलासे किए थे जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूकेएसएससी पेपर लीक मामले में पंतनगर विश्वविद्यालय का जो कर्मचारी  दिनेश चंद्र पकड़ा गया था उसने पूछताछ में जैसे ही 2015 में हुई दरोगा भर्ती की पोल खोली तो अधिकारी हैरान रह गए. पूछताछ में दिनेश चंद्र ने करीब 5 पेपर लीक से जुड़े दरोगाओं के नाम बताए थे.

एसटीएफ ने यही सिलसिला पकड़ कर जांच शुरू की और पांचों से पूछताछ के बाद 15 अन्य दरोगाओं की पहचान हुई. क्योंकि यह मामला पुलिस विभाग से जुड़ा था और एसटीएफ पुलिस का हिस्सा है इसीलिए सरकार ने मामले की जांच विजिलेंस को दी. विजिलेंस की जांच के बाद बीस दरोगा बीते दिनों निलंबित किए गए.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विजिलेंस की नजर अब दारोगाओं की हर हरकत पर है. विजिलेंस की नजर उनकी प्रॉपर्टी से लेकर उनकी चाल ढाल को खंगाल रही है.सूत्रों के मुताबिक जल्द ही विजिलेंस कुछ और दरोगाओं के नाम बेनकाब कर सकती हैं.

दरोगा भर्ती में न्यूनतम आयु 21 साल जबकि अधिकतम 28 साल निर्धारित की गई थी। इस दौरान राज्य सरकार ने दरोगा भर्ती में 1 वर्ष की अतिरिक्त छूट भी दी थी जबकि आरक्षित वर्ग के लिए व्यक्तियों के लिए 5 वर्ष की छूट दी गई थी शैक्षिक योग्यता स्नातक थी ।

विजिलेंस सूत्रों की मानें तो आयु की सीमा में फिट बैठने के लिए कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं । कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने बाहरी राज्य के स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय के दस्तावेज जमा कराए हैं। इसलिए विजिलेंस ने अब उन सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज की सत्यता की जांच शुरू कर दी जिन्होंने बाहरी राज्य के शैक्षणिक संस्थानों के दस्तावेज लगाए हैं।

विजिलेंस की जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि कुछ दरोगाओं ने दसवीं बारहवीं के भी दस्तावेज फर्जी भ है जिसकी जांच की जा रही है वही इस भर्ती प्रक्रिया में निलंबित किये गए 20 दरोगाओ में से कुछ ने पुलिस मुख्यालय का दरवाजा खटखटाया है।

उन्होंने पक्ष रखने के लिए मुख्यालय तक अपने कदम रखे हैं। बताया जा रहा है कि विजिलेंस ने उनके बैंक खाते से लेन-देन की जांच का आधार माना है। कुछ दरोगा ऐसे भी हैं जिनके बैंक खातों में किसी और माध्यम से धन राशि आई है या उन्होंने किसी और कारण से धनराशि दी है इसी आधार पर उन पर कार्रवाई की गई है। ऐसे में वह अपनी बात रखने के लिए मुख्यालय पहुंच रहे हैं.

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