बागियों के बहाने त्रिवेंद्र का हरक पर वार! कहा- जिसको जाना है जाइए, रोका किसने है

देहरादून : उत्तराखंड भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इन दिनों दो तीन विधायक मंत्रियों के नाम सुर्खियों में हैं और उनके बयान भी जिससे साफ है कि उत्तराखंड की सत्ता में सब कुछ बराबर नहीं चल रहा है। सबसे पहले हरीश रावत का हरक को फोन करना और हरक सिंह का हरीश रावस से माफी मांगना, इसके बाद परसो हरक सिंह रावत की सीएम से मुलाकात फिर बीते दिन मदन कौशिक का हरक सिंह रावत को फोन करना और मिलना…इससे कैसे कहा जाए की सत्ता में सब कुछ ठीक है। सत्ता के गलियारे से कई खबरें आ रही है। साफ तौर पर खबर उड़ रही है कि हरक अपने कार्यकाल से खुश नहीं हैं और वो भाजपा छोड़ने जा रहे हैं। हालांकि हरक ने कभी साफ तौर पर नहीं कहा कि वो भाजपा छोड़ रहे हैं लेकिन इतना जरुर कहा कि वो अपने कार्यकाल से असंतुष्ट हैं।

वहीं बता दें कि हरक ने बीते दिन मीडिया से भी कहा कि गारंटी को अपने जीवन की भी नहीं है। हरक सिंह मीडिया के सामने भले ही हंसता हुआ चेहरे लेकर आते हैं और दिल की बात कह जाते हैं लेकिन उनकी घुमावदार बातें बहुत कुछ बयां करती है। कहा जा रहा था कि वो नाराज हैं और पार्टी छोड़ने के मूड में हैं और पार्टी के पदाधिकारी उन्हें मनाने में जुटे हैं। लेकिन हरक ने साफ कहा कि वो भाजपा में ही रहेंगे।

हरक सिंह ने कहा था- त्रिवेंद्र बेरोजगार हो गए हैं

वहीं अब त्रिवेंद्र रावत ने बागियों के बहाने हरक सिंह रावत पर वार किया है। क्योंकि हरक सिंह भी उन पर वार कर चुके हैं। हरक सिंह रावत ने कहा था कि त्रिवेंद्र बेरोजगार हो गए हैं इसलिए वो पर्यावरण सरक्षंण के लिए पौधे लगा रहे हैं। वहीं कहीं न कहीं बागियों के बहाने त्रिवेंद्र ने भी हरक पर वार किया है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने बयान देते हुए कहा कि जिनको जाना है जाइये रोक किसने है. पार्टी ने सभी का सम्मान किया है जिसे जाना है वो जाइये।

त्रिवेंद्र के बयान ने निकाले जा रहे ये मायने

त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि अगर आपको जाना है तो जाइए, किसने रोका है आपको. पार्टी ने सब को सम्मान दिया है. मंत्रिमंडल में भी आधे मंत्रालय उन्हीं लोगों को दिया गया है. जो फिर भी अपने आप को अगर समझते हैं तो यह उचित नहीं है. उन्हें ठंडे मस्तिष्क से सोचना चाहिए. यह जो बयानबाजी हो रही है या तरह-तरह की जो नाटकबाजी हो रही है, यह नाटकबाजी ना करके राज्य की जनता ने जो जिम्मेदारी अपने विधायकों को सौंपी है, उसका ख्याल रखना चाहिए.  हालांकि उन्होंने हरक सिंह का नाम नहीं लिया लेकिन चर्चाएं थी कि हरक सिंह पार्टी छोड़ रहे हैं तो त्रिवेंद्र रावत के इस बयान के यही मायने निकाले जा रहे हैं कि उन्होंने हरक पर ही हमला किया है।

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