एम्स ऋषिकेशएक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। एम्स इस बार किसी छापेमारी के कारण नहीं बल्कि भर्तियों को लेकर चर्चाओं में आ गया है। बता दें कि यहां उत्तारखंड के लाखों युवा बेरोजगार बैठे हैं तो दूसरी तरफ ऋषिकेश एम्स में राजस्थान के 600 लोगों को नियुक्ति दी गई है जो की चर्चाओं का विषय बना हुआ है। बता दें कि इससे पहले इतने बड़े पैमाने पर एक ही राज्य से अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया। हैरानी इस बात की है है एम्स में राजस्थान के एक ही परिवार के 6 लोगों का नर्सिंग पदों पर चयन हुआ है।
आपको बता दें कि ऋषिकेश एम्स सीबीआई के छापा मारने के बाद सुर्खियों में बना हुआ है। स्थायी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर एक नया मामला सामने आया है। एम्स में 2018 से 2020 के बीच नर्सिंग संवर्ग में 800 पदों के लिए भर्ती निकाली गई। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। हैरानी की बात है कि 800 में से 600 पदों पर राजस्थान के अभ्यर्थियों का चयन किया गया। एक ही राज्य से इतने कर्मचारियों के चयन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हद इस बात की है राजस्थान में एक ही परिवार के 6 लोगों की नियुक्ति भी की गई है।
बता दें कि मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को शिकायत दी गई है। सीबीआई टीम स्थायी नियुक्तियों के साथ उपकरणों की खरीद की जांच कर रही है।ऋषिकेश एम्स में पीआरओ हरीश मोहन थपलियाल का इस मामले में कहना है कि एम्स में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर नियमानुसार भर्ती की गई है। भर्ती प्रक्रिया की सभी अर्हताएं पूरी करने वाले अभ्यर्थियों का ही चयन किया गया है। योग्य अभ्यर्थियों की स्थिति में राज्य कोई विषय नहीं है। एक परिवार से छह लोगों के चयन का मामला संज्ञान में नहीं है। राज्य काउंसिल में पंजीकरण न कराने वाले कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा।