देहरादून : देश की रक्षा करते हुए उत्तराखंड का एक और लाल शहीद हो गया। आपको बता दें कि 20 फरवरी को डोईवाला के भानियावाला निवासी जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन में ड्यूटी में गश्त करने के दौरान ग्लेशियर टूटने से घायल हो गए थे। उनका इलाज चल रहा था लेकिन 21 फरवरी को वो जिंदगी की जंग हार गए और वो शहीद हो गए। उनकी शहादत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पत्नी और मां का रो रोकर बुरा हाल है। डोईवाला क्षेत्र समेत पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर है।
चीख चीखकर रोई मां और पत्नी
आपको बता दें कि 20 फरवरी की रात शहीद की शहादत की सूचना परिवार को रात 11:45 बजे दी गई जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। बता दें कि शहीद गजेंद्र के पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर के पद से रिटायर्ड हैं उनका नाम राजेंद्र सिंह चौहान है। शहीद की मां विमला चौहान, पत्नी किरन चौहान, भाई अजेंद्र और मनमोहन चौहान का रो रोकर बुरा हाल है।आपकों बता दें कि शहीद की शादी 4 साल पहले हुई थी लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थई।
मां का दर्द-मेरे जग्गी उठ मेरे जग्गी तेरे लिए चाय बनाती हूं
बेटे के पार्थिव शरीर को देख मां चिल्ला उठी। मेरे जग्गी उठ मेरे जग्गी तेरे लिए चाय बनाती हूं। तुझे चाय बनाती हूं तुझे चाय बहुत पसंद है ना उठ जा बाबा, उठ चाय बनाकर ला रहीहूं.शहीद की मां चिल्ला कर बोली जग्गी उठ जा। डॉक्टरों कुछ करो मेरे जग्गी का ऑपरेशन करो। कुछ करो। शहीद की पत्नी बोली मुझे मेरा जग्गी चाहिए। शहीद की पत्नी चिल्ला कर बोली पापा, मामा जी उठाओ ना आप जग्गी को. मुझे मेरा जग्गी चाहिए जैसा था वैसी चाहिए. ये सुन वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गए।