देहरादून में बना नया रिकॉर्ड, पहली बार कोई महिला बनी विधायक, 1952 से नहीं जीती थी कोई महिला

देहरादून : एक बार फिर से उत्तराखंड की सत्ता में बीजेपी काबिज हो गई है। भले ही सीएम धामी हार गए हैं लेकिन प्रदेश में सरकार भाजपा की बनी है। बता दें कि भाजपा ने 48 सीटें हासिल की है तो वहीं कांग्रेस 18 पर आकर अटक गई है। बाकी 4 सीटें अन्य को है।

पीएम मोदी सरकार ने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं और महिला सम्मान से जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत की है। बड़ी उम्मीदों से बने राज्य की राजधानी में केवल प्रदेश बनने के बाद नहीं बल्कि 1952 से ही एक भी महिला विधायक नहीं बन पाई। आधी आबादी की हिस्सेदारी करने वाली महिलाएं आज भी प्रतिनिधित्व से वंचित हैं। उत्तराखंड बनने से पहले देहरादून जिले में मसूरी, चकराता और देहरादून तीन ही विधानसभा सीट थीं। 2002 में सीटों की संख्या बढ़कर नौ और वर्तमान में 10 हो चुकी हैं लेकिन इस बार देहरादून में नया रिकॉर्ड कायम हुआ है।। बता दें कि देहरादून में पहली बार कोई महिला विधायक बनी है। कैंट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक स्वर्गीय हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर ने जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सूर्यकांत धस्माना को हराया हैष

इस तरह उन्होंने सियासत में कपूर परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का काम नहीं किया है। बता दें, हरबंस कपूर आठ बार विधायक रहे हैं, पिछले साल उनके आकस्मिक देहांत के बाद कैंट सीट रिक्त हो गई थी

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