देहरादून : उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल ये है कि खुद मंत्री विधायकों को सरकारी अस्पतालों में सही इलाज नहीं मिल पा रहा है और वह निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। जी हां ताजा मामला बीते दिनों विधानसभा बजट सत्र का है जब बजट सत्र के दौरान अचानक परिवहन मंत्री चंदन राम दास की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें दून अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां से उन्हें मैक्स अस्पताल में रेफर किया गय।
मंत्री को दून अस्पताल द्वारा मैक्स अस्पताल में रेफर किए जाने के बाद विपक्ष समेत लोगों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। विपक्ष और लोगों का कहना है कि जब मंत्री विधायकों को यहां प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में सही इलाज नहीं मिल पा रहा है तो आम जनता का क्या हाल होगा।
आपको बता दें कि दून अस्पताल गढ़वाल मंडल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां कई जिलों से लोग आकर अपना इलाज करवाते हैं। सरकार हमेशा दावा करती आई है कि दून अस्पताल में मरीजों को हर सुविधा मिलेगी जिसके कारण उन्हें कहीं और किसी अन्य अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा लेकिन खुद मंत्री द्वारा निजी अस्पताल में इलाज कराने के बाद सरकार के दावों की पोल खुल कर रह गई है। मंत्री के बीमार होने पर खुद यहां के सरकारी अस्पतालों की पोल खुल गई है।
कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी और यूकेडी ने सरकार पर हमला किया है कि जब खुद सरकार के ही मंत्री को दून अस्पताल में इलाज नहीं मिला तो आम जनता का क्या हाल होगा यह सरकार को जानने की जरूरत है।