देहरादून : कई दिनों से चर्चाएं हैं कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भाजरा से असंतुष्ट हैं और वो कांग्रेस ज्वॉइन करने जा रहे हैं। इससे भाजपा में हलचल मच गई। हालांकि हरक सिंह रावत समेत किसी भी मंत्री विधायक ने इस बात को नहीं स्वीकार। बल्कि यही कहा कि ऐसा नहीं है वो भाजपा में ही रहकर काम करेंगे। सियासत में हलचल उस वक्त मची जब हरक सिंह रावत को प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का फोन आया और नाश्ते का ऑफर दिया गया। क्योंकि ब्रेकफास्ट की राजनीति उत्तराखंड में पुरानी है। ऐसा ही कुछ यशपाल आर्य के आवास पर जाने से पहले सीएम ने भी कहा था और हुआ क्या ये सबने देखा।
वहीं मदन कौशिक ने हरक सिंह रावत से मुलाकात की। इतना ही नहीं इसके बाद हरक सिंह से बात करने पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी देहरादून आए और हरक सिंह से बात की जिससे साफ हो गया कि भाजपा के अंदर कुछ को सियासी घमासान चल रहा है। वहीं अब सीएम से पत्रकारों द्वारा बागियों को लेकर पूछे सवाल में सीएम ने साफ कहा कि भाजपा का परिवार बड़ा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कोई कहीं भी जाए। सीएम ने कहा कि अभी भाजपा में तीन विधायक शामिल हुए हैं । हमने कभी नहीं सोचा. सीएम ने कहा कि कोई इधर जा रहे हैं उधर जा रहे हैं ये बड़ा मसला नहीं है. बागियों को सीएम ने साफ तौर पर संदेश दिया है कि कोई कहीं भी जाए इससे फर्क नहीं पड़ता। लेकिन कहीं ना कहीं सरकार हरक सिंह और उमेश काऊ की नाराजगी दूर करने में जुटी है।
बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बयान देते हुए कहा कि जिसे जाना है वो जाए। किसी को रोका नहीं जा सकता है। त्रिवेंद्र रावत ने कहा था कि पार्टी ने सबको सम्मान दिया है। वहीं अब सीएम ने बयान से साफ कर दिया है कि कोई कहीं भी जाए भाजपा को फर्क नहीं पड़ता और ना ये इतना बड़ा मसला है।