देहरादून- पूर्व सीएम हरीश रावत की पोस्ट से सियासी घमासान मच गया है। हरीश रावत ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाए हैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उनको जवाब दिया है।
हरीश रावत की पोस्ट
हरीश रावत ने लिखा कि रूपये कमाने में लगी ब्यूरोक्रेसी
मुख्यमंत्री जी यह पटेला लगाने वाला आर्ट, खेत में कैसे लगाया जाता है और कैसे बैलों की रस्सी कब, कहां और कितनी खींची जाती है, वह तो आपको ठीक-ठाक याद रहा, अच्छी बात है। मगर मुख्यमंत्री के रूप में निष्क्रिय निष्प्रयोज, नासमझ मंत्रियों व रूपये कमाने में लगी ब्यूरोक्रेसी के एक हिस्से की रस्सी कब, कहां, कितनी और किस प्रकार खींचनी है, इस आर्ट का उपयोग आप शायद जान-बूझकर नहीं कर रहे हैं, इसलिये राज्य के विकास और जनकल्याण पर पटेला फिर रहा है !
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि किसी भी राज्य मे नौकरशाह आर्थिकी की रीढ़ होते हैं और इसे लेकर संशय की स्थिति नही होनी चाहिए।
काग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्ट ने कहा कि सीएम धामी और भाजपा सरकार मे कुछ भी कृत्रिम नही, बल्कि वास्तविकता है। सीएम खेत बचपन से जोतते रहे हैं और उनके पुरखे भी खेती किसानी से जुड़े हैं। हां यह कांग्रेस के लिए जरूर मंथन का सवाल है कि किसानों के सहारे राजनीति करने वाली कांग्रेस खेती किसानी से हमेशा दूर रही।
उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम ने हमेशा ब्यूरोक्रेसी को नजरंदाज किया और सभी नेता खुद अवैध कमाई मे लग गए। पकड़े गए और आज मुकदमा झेल रहे हैं। बयूरोक्रेसी का काम ही राज्य का खजाना भरना है और ब्यूरोक्रेसी ने खनन से राज्य का खजाना भरा है। ब्यूरोक्रेसी ने आबकारी और GST संग्रह को बढ़ा कर राज्य का खजाना भरा तो चौबीस हज़ार सरकारी नौकरियां देकर बेरोजगारों की झोली भरने का काम किया है। 40 से ज़्यादा नई नीतियाँ बनाकर सरकार ने पर्यटन,ऊर्जा,उद्योग,कृषि आदि क्षेत्रों में जनोन्मुखी निर्णय किये हैं जिससे आमजन को स्वरोजगार और रोजगार मिल रहा है।जनता जनार्दन की आय बढ़ाकर सरकार ने उनका खजाना भरने का कार्य किया है।
राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में तीस प्रतिशत आरक्षण देकर,राज्य आंदोलनकारियों को और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देकर उनकी भावनाओं का सम्मान किया है। कठोर भू क़ानून लागू कर के राज्य की भूमि की अनियंत्रित खरीद फरोख्त को रोका है।हजारों बीघा जमीन राज्य सरकार में निहित कर के राज्य का खजाना भरा है।
भट्ट ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी ने
वन विभाग की छ: हज़ार एकड़ से ज़्यादा जमीन अतिक्रमण मुक्त करा के राज्य के पक्ष में राज्य का खजाना भरा है। एक लाख करोड़ के निवेश क़रारों को धरातल पर उतार का राज्य का खजाना भरने का काम सरकार ने किया है। राज्य के विकास मे ब्यूरोक्रेसी के योगदान को नकारना खुद की विफलता से मुँह फेरने जैसा है और कांग्रेस को अपनी सोच बदलने की जरूरत है।