देहरादून- 9 नवंबर को देहरादून स्थित रिलायंस के ज्वेलरी शोरूम में दिनदहाड़े 14 करोड़ रुपये की ज्वैलरी की लूट की घटना को अंजाम देने वाले लुटेरे अब तक पकड़ से बाहर हैं। हालांकि देहरादून पुलिस ने वैशाली से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है जिन पर यह आशंका जाहिर की जा रही है कि ये अन्य आरोपियों को फंडिंग करते थे। वहीं कई राज्यों में देहरादून पुलिस की लगातार दबिश जारी है लेकिन अभी तक खुलासा न होने पर या पुख्ता सुबूत ना मिलने पर ये मुद्दा राजनीतिक मुद्दा बन गया है जिसको लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है।
वहीं बदमाशों को पकड़ने के लिए खुद एसएसपी ने भी मोर्चा संभाला हुआ है। पूरी देहरादून पुलिस अन्य राज्यों में दबिश देकर पूछताछ कर रही है। खुद एसएसपी बदमाशों को पकड़ने के लिए ग्राउंड जीरो पर उतरे और उन्होंने अन्य प्रातों में जांच पड़ताल और पूछताछ कर वापस लौटने पर मीडिया को अहम जानकारियां दी है। जिस तरीके से देहरादून पुलिस कम कर रही है उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि जो अन्य राज्य की पुलिस नहीं कर पाई वह देहरादून पुलिस कर सकेगी।
देहरादून पुलिस की कयी टीमें बिहार यूपी हरियाणा दिल्ली महाराष्ट्र समेत कई राज्य में अपराधियों की धर पकड़ के लिए दबिश जारी है। कई टीमें अभी भी इन राज्यो में जांच में जुटी हुई है।वहीं एसएसपी बिहार में तमाम जानकारी लेकर देहरादून लौट चुके हैं।
एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस मुख्यालय ने कुख्यात सुबोध गिरोह से जुड़े दो मुख्य आरोपियों की पहचान करके दोनों पर दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया। एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये गैंग लूट को अंजाम देने से एक दो महीने पहले रैकी करते थे और ऐसी जगह को चुनते थे जहां से लूट करके आसानी से भागा जा सके और साथ ही यह जैमर का भी प्रयोग करते थे जिससे अंदर बंधक बने कर्मचारी किसी को ना सूचना दे पाए और ना ही पुलिस को हेल्प के लिए बुला सके।
एसएसपी ने बताया बिहार के वैशाली से दो संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनको ट्रेन से देहरादून लाया जा रहा है जिनसे पूछताछ की जाएगी। वहीं एसएसपी ने बताया कि आशंका है कि यह दोनों आरोपी अन्य आरोपियों को फंडिंग का काम करते थे।