देहरादून: विधानसभा चुनाव नजदीक है। एक ओर जहां भाजपा जीत हासिल करने के लिए दिन रात एक किए हैं और सीएम धामी खुद मैदान में उतरकर लोगों के बीच जाकर काम कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मंत्री और विधायक के दल बदलने से भाजपा को करारा झटका लगा है। कांग्रेस का दावा है कि कई भाजपा विधायक उनके सम्पर्क में हैं जो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। यशपाल आर्य और उनके बेटे ने घर वापसी कर ली है तो वहीं खबर आई की उमेश काऊ और हरक सिंह रावत ने भी दिल्ली का रुख किया था। रायपुर से विधायक उमेश काऊ ने ये दावा किया था कि वो दिल्ली कांग्रेस ज्वॉइन करने नहीं बल्कि यशपाल आर्य को रोकने गए थे।
लेकिन अब प्रीतम सिंह की हरक और काऊ से मुलाकात ने भाजपा की दिल की धड़कनें बढ़ा दी है। बता दें कि एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमे हरक सिंह और उमेश काऊ के साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी मौजूद हैं। इस फोटो के वायरल होने से भाजपा के दिलों की धड़कन बढ़ गई है। ये तस्वीरें बहुत कुछ बयां कर रही है। एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि क्या हरक सिंह रावत और उमेश काऊ कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं? कहीं हरक सिंह रावत और उमेश काऊ घर वापसी तो नहीं करने जा रहे?
आपको बता दें कि ये तस्वीर आज सुबह की है। जिसमे विधायक उमेश शर्मा काऊ, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के निजी आवास पर पहुंचे. हरक ने सभी का खुशी खुशी स्वागत किया. सभी के चेहरे पर मुक्सान थी। चारों ने कई घंटे बात की लेकिन दूसरी तरफ भाजपा की दिल की धड़कनें बढ़ी रही।
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि हरक सिंह और उमेश काऊ क्या कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। क्या बागियों को कांग्रेस मनाने की कोशिश कर रही है? क्या कई और बागी घर वापसी कर रहे हैं? कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आवास पर कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी इस बात को और बल देती नजर आ रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रीतम सिंह और AICC सदस्य ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को बागियों से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि अब खिचड़ी क्या पक रही है ये आने वाले समय में ही पता चल पाएगा। जैसे य़शपाल आर्य और उनके बेटे के बारे में पता चला था कि उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।