देहरादून : स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत एक्शन में हैं। उसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग हे बड़ी खबर है। बता दें कि लंबे समय से गैर हाजिर चल रहे डॉक्टरों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
जी हां लंबे समय से गैरहाजिर 118 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। कई डॉक्टर 6 साल से अधिक समय से बिना बताए अस्पतालों से नदारद हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने इन सभी डॉक्टरों को 14 दिन का नोटिस जारी कर साक्ष्यों के साथ जवाब मांगा है।
एक ओर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है तो वहीं डॉक्टर मौज काट रहे हैं। कई डॉक्टर अपना निजी अस्पताल चला रहे हैं और समय काट रहे ह।
धामी सरकार डॉक्टरों की नियुक्तियां तो कर रही है, लेकिन नियुक्ति के बाद डॉक्टर पहाड़ों में सेवाएं देने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि तैनाती देने के बाद डॉक्टर अस्पतालों में अनुपस्थित चल रहे हैं।अब प्रदेश सरकार ने ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है। इसके तहत स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तारा आर्य ने अनुपस्थित 118 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। 14 दिन के भीतर इन डॉक्टरों को स्वास्थ्य महानिदेशक के समक्ष उपस्थित होकर साक्ष्यों के साथ जवाब देना होगा।
उसके बाद डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। गैरहाजिर डॉक्टरों की जगह नई भर्ती की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों के 276 पदों का प्रस्ताव उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेज दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत का कहना है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी। कई डॉक्टर ऐसे हैं जो 2017 से अस्पतालों से नदारद हैं। शीघ्र ही विभाग की ओर से अनुपस्थित डॉक्टरों सेवाओं को रद्द कर उनकी जगह नए डॉक्टरों को रखा जाएगा।