ग्लोबल इनवेस्टर सम्मिट की थीम पीस टू प्रोसपैरिटी से समृद्ध होगा प्रदेश- सुनीता विद्यार्थी

ऋषिकेश : प्रदेश प्रवक्ता सुनीता बौड़ाई विद्यार्थी ने‌ कहा कि उत्तराखंड में आगामी 8- 9 दिसंबर को दो दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

यह जानकारी शुक्रवार को ‌सुनीता बौड़ाई ने ऋषिकेश में भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड से‌ लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए बड़े-बड़े उद्योगों को स्थापित किए जाने के लिए विश्व भर की संस्थाओं से एग्रीमेंट किया है। इस दौरान उत्तराखंड में आने वाले उद्योगपतियों को सिंगल विंडो के माध्यम से सुविधा उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिससे हजारों-लाखों बेरोजगार और युवाओं को लाभ मिलने वाला है। इसके कारण वोकल फार लोकल को भी बढ़ावा दिया जाएगा, इसके अंतर्गत उत्तराखंड को विश्व स्तरीय पटल पर स्थानीय उत्पादों को लेकर जाना है ।जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश और विदेश में कई स्थानों पर जागरूकता अभियान भी चलाया गया है।

उन्होंने कहा कि उर्जा प्रदेश के नाते विद्युत के क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए गए हैं, जिसके कारण उत्तराखंड का नाम भी विश्व स्तर पर बढा है। इतना ही नहीं ऋषिकेश की पहचान भी अंतरराष्ट्रीय योग स्थली के रूप में बढी है। जहां पर्यटक और तीर्थाटन के क्षेत्र में भी काफी कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार ने जो कार्य किया उनको बढाए जाने का कार्य किया है, किसके कारण सभी वर्ग के लोगों को उसका लाभ मिला है, उनका कहना था कि अभी तक सरकार द्बारा किए गए कार्यों की समीक्षा भी संगठन स्तर पर की जाती है। उनका कहना था कि आज सरकार के कार्य के कारण पर्यटन‌‌ और तीर्थाटन क्षेत्र में भी काफी विकास किया गया है ,जिसके कारण चारों धामों में यात्रियों की संख्या भी बढ़ोतरी हुई है। इस सम्मेलन को कराए जाने का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों को लाभ पहुंचाना भी है। इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष रविंद्र राणा, जिला महामंत्री दीपक धमी‌जा ,नीलम चमोली जिला मीडिया प्रभारी, भी मौजूद थे।

सुनीता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तय लक्ष्य की वर्तमान दशक उत्तराखण्ड का दशक है । उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्यों की सूची में शुमार करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सवा करोड़ प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं के अनुरूप कृत संकल्पबद्ध होकर प्रयास कर रहे हैं ।और राज्य को वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को उत्तम एवं आत्मा निर्भर राज्य बनाने की दिशा में कदम बड़ाते हुए देश का अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है ।

इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाना है तो सर्वाधिक जरूरी है बड़े पैमाने पर राज्य में पूंजीगत निवेश । लिहाजा हमारी सरकार ने विकसित राज्य के बड़े लक्ष्य को पाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य भी बड़ा रखा, 2.5 लाख करोड़ रुपए ।

बेहद प्रसन्नता की बात है कि हम समिट के लिए तय लक्ष्य का 30 फीसदी निवेश MOU, लगभग सवा महीने पहले ही प्राप्त कर सके हैं । अभी देश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण औधौगिक महानगरों मुंबई, और अहमदाबाद में मुख्यमंत्री जी का निवेश को लेकर दौरा होना है । साथ सबसे अधिक निवेश तो समिट इवेंट के दौरान 8-9 दिसंबर को होने की उम्मीद है ।

सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों का विश्वास और मुख्यमंत्री धामी के बेजोड़ प्रयास संकेत कर रहे हैं कि हम समिट के तय लक्ष्य 2.5 लाख करोड़ को आसानी से पार कर जाएंगे

विभिन्न निवेशक समूहों के साथ हुई इन बैठकों में पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मा, कृषि, एग्रो के क्षेत्र में निवेशकों से काफी करार हुए हैं। ये वे सभी क्षेत्र हैं जिनमे विकास की प्रचुर संभावनाएं हैं ।

साथ ही राज्य सरकार ने निवेश के लिये फोकस सैक्टरों की पहचान की है, जो कि राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन एवं आतिथ्य, आयुष एवं वैलनेस, फिल्म शूटिंग तथा खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ आने वाले क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी की मजबूती के लिये एक संमिश्रण है।

इन तमाम बैठकों से निवेश आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री धामी और उनकी टीम ने विशेषज्ञों, अनुभवी नीति निर्धारकों एवं कंसलटेंट ऐजेंसियों के साथ बैठकर विस्तृत योजना बनाई है । यही वजह है कि निवेशकों का उत्तराखण्ड आने और यहां निवेश के लिए मन में आकर्षण बन गया है।

आज निवेश को लेकर विश्वास का बड़ा कारण ये भी है कि विगत 7 वर्षों में उत्तराखण्ड में रेल, सड़क एवं हवाई कनेक्टीविटी में गुणात्मक सुधार दिख रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण व्यापार और वाणिज्यिक हब और पड़ौसी राज्यों के साथ उत्कृष्ट कनेक्टीविटी का अतिरिक्त लाभ मिलना तय है। ऋषिकेश सेकर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन तथा हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण राज्य के भीतर कनेक्टीविटी बढ़ाने की कोशिश निवेशकों के लिए बड़े आकर्षण का कारण बने हैं ।

राज्य में उत्कृष्ट कानून व्यवस्था और औद्योगिक सदभाव का इतिहास निवेशकों के उत्साह का कारण है। हम सबसे कम औद्योगिक विवाद वाले राज्यों में से एक है।

इसके अलावा उत्तराखण्ड में प्रचुर मात्रा में जल संसाधनों की उपलब्धता, देश में सबसे कम औद्योगिक विद्युत टैरिफ के साथ राज्य उद्योगों को स्थापित करने और उसके परिचालन के लिये एक सक्षम वातावरण प्रदान करने में हम अन्य सभी राज्यों से बहुत आगे है।

समिट के बाद कुल 157 उद्योग स्थापित हुए जिनमे लगभग 21,857 लोगों को रोजगार मिला। साथ ही 2017 से 2019 के मध्य 9557 एमएसएमई उद्योग भी स्थापित प्रदेश में अधिक से अधिक उद्योग लगे और पहाड़ से पलायन रुके । प्रदेश में संतुलित विकास के प्रति संकल्पित मुख्यमंत्री धामी का प्रयास पहाड़ों में भी उद्योगों को स्थापित करना है । प्रदेश में निवेश आने से रोज़गार सृजन के साथ राज्य के आर्थिक संशोधनों में भी बृद्घि होगी ।

राज्य में स्वास्थ्य , शिक्षा पर्यटन , तीर्थाटन सहित सभी क्षेत्रों क्रांति की उम्मीद है सर्वप्रथम जमरानी बांध परियोजना की वित्तीय स्वीकृति से तराई क्षेत्र का पांच दशको पुराना इंतजार समाप्त करने के लिए प्रदेश की जनता की तरफ से भाजपा,….प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वार वित्तीय स्वीकृति एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए प्रयासों के लिए का कोटि कोटि आभार व्यक्त करती है ।

अब वो दिन दूर नही जब इस परियोजना के बनने से समूचे क्षेत्र के कायाकल्प का हम सभी गवाह बनेंगे

हल्द्वानी और आसपास के लाखों लोगों और उनके खेतों की प्यास बुझाने वाली जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी से राज्यभर में खुशी की लहर दौड़ रही है ।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी की लगातार कोशिशों के चलते इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 1557 करोड़ की स्वीकृति ने पुनः साबित किया है कि मोदी जी देवभूमि के संरक्षक हैं । यह योजना 42 मिलियन क्यूबिक पानी से तराई के लाखों लोगों की प्यास बुझाने वाली है, नैनीताल उधम सिंह नगर ही नही यूपी के बरेली और रामपुर के 57 हजार एकड़ कृषि भूमि को सिंचित करेगी साथ 63.4 मिलियन यूनिट बिजली लाखों घरों को रोशन करने वाली है ।

चूंकि योजना जितनी बड़ी थी, उसे पूरा करने के लिए उतनी ही बड़ी राजनैतिक इच्छा शक्ति और आर्थिक क्षमता की जरूरत थी । जनता की जरूरत और क्षेत्रीय विकास के मद्देनजर लगातार भाजपा सरकारें इसकी मंजूरी के लिए गंभीर प्रयास करती रही हैं । वर्तमान धामी सरकार ने शुरुआत से बीड़ा उठाया था कि वह हर हालात में कुमायूं की इस सबसे बड़ी जरूरत को पूरा करके रहेंगे । उनकी मेहनत सफल हुई और एक बार फिर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देवदूत बनकर ऐतिहासिक बन गई इस परियोजना को स्वीकृति दी,इस दौरान जब भी राज्य में भाजपा की सरकारें आईं तो जमरानी की कोशिशें परवान चढ़ी लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही इन कोशिशों को सिरे से उतार दिया । कांग्रेस के राजनैतिक षड्यंत्र ने हमेशा स्थानीय जनता की भावनाओं को छलने का काम किया ,लखवाड़ व्यासी डैम के विवाद को भी भाजपा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री धामी के अथक मेहनत से सुलझाया गया ।

मुख्यमंत्री धामी राज्य के संतुलित विकास के लिए कृत संकल्पित हैं और उसी के परिणाम स्वरूप आज पूरे प्रदेश विकास के लिए मुख्यमंत्री धामी द्वारा केदारखंड से लेकर मानसखंड मंदिर माला परियोजना के तहत गढ़वाल एवं कुमायूँ के मंदिरों के जीर्णोद्वार के साथ तीर्थाटन एवं पर्यटक सर्किट से जोड़ने की योजना है । इससे प्रदेश सभी क्षेत्रों की आर्थिकी में बृद्घि होगी ।

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