देहरादून : आखिर क्यों मचा है इस फोटो पर बवाल,जानिए इसके पीछे की सच्चाई, कौन हैं ये पुलिस अधिकारी और क्यों पकड़ा नेता का गिरेबान?

देहरादून : बीते दिनों से सोशल मीडिया पर एक भीड़ की फोटो वायरल हो रही है जिसमें एक पुलिस अधिकारी एक व्यक्ति का कोलर पकड़े हुए हैं। इस फोटो पर लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं और खाकी पर सवाल उठा रहे हैं। इसी के साथ पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं लेकिन क्या किसी ने इस फोटो की पीछे की सच्चाई जाने की कोशिश की है। तो आइए रिकॉर्ड के अनुसार और बयान लेने के बाद हम आपको बताते हैं कि आखिर मामला क्या है।

यूथ कांग्रेस के नेता ने वर्दी का किया अपमान

आपको बता दें कि जिस नेता का कॉलर पकड़ा है, वो हैं यूथ कांग्रेस के नेता अभिनव थापर, जो 27 अगस्त को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे, और जिस पुलिस अधिकारी ने अभिनव थापर का कॉलर पकड़ा है उनका नाम है रितेश शाह, जो महानगर कोतवाली के कोतवाल हैं। जो अपनी टीम के साथ यूथ कांग्रेस के नेताओं को विधानसभा जाने से रोक रहे थे, जो कि उनकी ड्यूटी है। लेकिन कांग्रेसियों को इतना गुस्सा चढ़ गया कि उन्होंने पुलिस से हाथापाई की और पुलिस सेल्फ डिफेंस करती नजर आई।

हर साल कोतवाल रितेश शाह को किया जाता है सम्मानित

आप बता दें कि कोतवाल रितेश शाह को हर साल सीएम और डीजीपी द्वारा सम्मान दिया जाता है, वह भी उनकी बेहतर पुलिसिंग के लिए। इससे पहले वह ऋषिकेश कोतवाली में कोतवाल रह चुके हैं।  पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हमारी रक्षा के लिए दिन रात सड़कों पर तैनात हैं। ऐसे में आखिर कैसे कोई पुलिसकर्मी किसी का गिरेबान बिन किसी वजह के पकड़ लेगा, यह बात हजम नहीं हो रही।

इंस्पेक्टर होशियार सिंह को मारा थप्पड़, फाड़ी वर्दी

खाकी, डीजीपी अशोक कुमार ने खाकी पर एक किताब लिखी है जिसमें पुलिसकर्मियों के साहस मेहनत और कर्तव्य के बारे में बताया गया है. 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन पुलिस को साहस और सर्वश्रेष्ट ड्यूटी के लिए इनाम दिया जाता है और सम्मान दिया जाता है लेकिन जब राज्य में शांति बनाए रखने की पुलिस कोशिश करती है तो ऐसे नेता आकर उनका कॉलर पकड़ते हैं।वर्दी का अपमान करते हैं। यहां तक की उनके साथ मारपीट करते हैं। जी हां कुछ ऐसा ही हुआ देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में। जहां बीते दिन 27 अगस्त को कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने इंस्पेक्टर होशियार सिंह को ना सिर्फ थप्पड़ मारा बल्कि उनका गिरेबान पकड़ कर वर्दी पर लगे फीते को उखाड़ दिया। ये पुलिस अधिकारी का कहना है।

पुलिस का सेल्फ डिफेंस

बीते दिनों से यह फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और खाकी पर सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन इसके पीछे की सच्चाई किसी ने जानने की कोशिश नहीं की। जाहिर सी बात है कि हम पर कोई हाथ उठाएगा और अपमान करेगा तो हम भी सेल्फ डिफेंस में उसे रोकने की कोशिश करेंगे और उसका विरोध करेंगे। ऐसा ही कुछ किया पुलिसकर्मियों ने तो इसमें गलत क्या है।

पुलिस अधिकारी का बयान

इस मामले में पुलिस का कहना है कि अभिनव थापर ने इस घटना से पहले पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर होशियार सिंह को सबके सामने थप्पड़ मारा जिसके बाद कोतवाल रितेश शाह ने एक्शन पर रिएक्शन दिया। जानकारी मिली है कि होशियार सिंह रुद्रपुर में तैनात हैं जो कि विधानसभा ड्यूटी के लिए देहरादून आए थे जिन पर हाथ उठाया गया। उनकी वर्दी फाडी़ गई।

विधानसभा कुछ करने जा रहे थे यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता

दरअसल कांग्रेसी विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की और अपना कर्तव्य निभाया तभी इस बीच कांग्रेस नेता अभिनव ठाकुर ने इंस्पेक्टर होशियार सिंह का कॉलर पकड़ा और साथ ही थप्पड़ जड़ दिया इतना ही नहीं उन्होंने उनकी वर्दी का भी अपमान किया तब जाकर विदिशा ने वर्दी का मान और सम्मान बचाने के लिए कांग्रेस नेता का गला पकडा़।

प्रदेश अध्यक्ष ने की कार्यवाही की मांग

वहीं बता दें कि अभिनव थापर के पक्ष में कांग्रेसी नेता उतर आए हैं। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एसएसपी को पत्र लिखकर पुलिसकर्मी को हटाने की मांग की है। हालांकि पुलिसिया रिकॉर्ड खंगाले जाए तो आप देख सकते हैं कि अभिनव ठाकुर पर पहले भी मारपीट और अभद्रता करने जैसे कई आरोप लगे हैं और उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं।

हमको सिखाया जाता है कि अपने देश की, अपने राज्य की जनता और अपने परिवार के साथ हमें अपनों की रक्षा करना चाहिए। ऐसा ही कुछ किया महाशगर कोतवाली के कोतवाल रितेश ने। उन्होंने अपने साथी को बचाते हुए कांग्रेस नेता का कोलर पकड़ा क्योंकि कांग्रेस नेता अभिनव ठाकुर ने उनके साथी इंस्पेक्टर होशियार सिंह को थप्पड़ मारा और साथ ही उनकी वर्दी पर हमला किया। इतना ही नहीं उन्होंने उनकी वर्दी पर लगे फीते भी उखाड़ दिए जो की फोटो में साफ तौर पर देखा जा सकता है।। ऐसे में अपने साथी की रक्षा करना, वह भी ड्यूटी के दौरान, इसमें कुछ गलत नहीं है। इस फोटो को लेकर लोग पुलिस को कोस रहे हैं लेकिन इसके पीछे की सच्चाई जानने की किसी ने कोशिश नहीं की।

बड़ा सवाल आखिर पुलिस की रक्षा कौन करेगा?

पूरा मामला जानने के बाद अब सवाल यही उठ रहा है कि पुलिस सब की रक्षा करती है लेकिन पुलिस की रक्षा कौन करेगा? उनकी हक की लड़ाई कौन लड़ेगा? क्योंकि ना तो उनको अपने हक की लड़ाई लड़ने का अधिकार है और ना ही अपना बचाव करने का, तो आखिर पुलिस कर्मियों की रक्षा कौन करेगा? क्योंकि इससे पहले भी कई बार पुलिस कर्मियों पर हमले हुए हैं और उनका खून बहा है। ऐसे में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार को पुलिस कर्मियों के हित के लिए भी कोई कानून लागू करना चाहिए।

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