ऋषिकेश एम्स के निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने कोरोना को लेकर उत्तराखंड समेत पूरे देश को चेताया है और चिंता जाहिर की है। एम्स ने लोगों की लापरवाही के चलते बढ़ते आर नॉट काउंट को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने चेताया कि नागरिकों ने सरकार की ओर से कोविड-19 से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो देश कभी भी कोरोनावायरस से मुक्त नहीं हो सकता. उन्हेंने बताया कि कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण के लिए अनिवार्य वैक्सीनेशन के साथ ही जन सामान्य का कोरोना से बचाव संबंधी नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है.
निदेशक ने चेताया कि हमें सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से बचना चाहिए और अन्य लोगों को भी इस तरह के आयोजन करने और उसमें भागीदारी करने से बचाने की सलाह देनी चाहिए. आपको बता दें आर नॉट काउंट यह दर्शाता है कि एक कोरोना संक्रमित कितने व्यक्तियों को कोरोनावायरस फैलता है और इससे यह भी पता चलता है कि कोरोनावायरस समाज में कितनी तेजी से फैल रहा है लिहाजा कोरोना के फैलाव को नियंत्रण रखने और महामारी का अंत करने के लिए संख्या 1 से कम होनी चाहिए।
क्या है आर नॉट काउंट
आर नॉट काउंट के लिए दो महत्वपूर्ण कारक है. ऐसे व्यक्ति की संख्या में वृद्धि जिनके शरीर में कोरोनावायरस क्षमता विकसित हो चुकी है. एंटीबॉडी कोरोनावायरस सही होने या टीकाकरण से विकसित होती है।
वहीं उत्तराखंड में भी ऊपर पहुंच रहा नॉट काउंट मिशीगन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार भारत के प्रमुख राज्यों में आर नॉट काउंट एक से ऊपर चला गया है। ये राज्य हैं मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, मणिपुर, केरल, दिल्ली और उत्तराखंड जो की हम सब के लिए चिंता का विषय है।
उत्तराखंड में देश के लगभग सभी प्रांतों से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से अलग-अलग देशों से भी सैलानी घूमने के लिए आते हैं इनमें कई सैलानी भ्रमण के लिए और श्रद्धालु गंगा स्नान पूजा-अर्चना ध्यान योग की शिक्षा लेने और छुट्टियां बिताने आते हैं अधिक लोग उन तमाम गतिविधियों के दौरान कोरोना से बचाव के मानकों को नहीं अपनाते हैं जिससे संक्रमण लगातार फैल रहा है नागरिकों के राज्य में आवागमन की गतिविधियां लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद से काफी बढ़ गई है जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है।