उत्तराखंड पुलिस विभाग में सिपाही से लेकर निरीक्षक तक के तबादलों का काउंटडाउन शुरू, इस तारीख से पहले होने हैं तबादले, पहाड़ से मैदान और मैदान से पहाड़ चढ़ेंगे पुलिसकर्मी

देहरादून: कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो लंबे समय से मैदानी जिलों में डेट हो गए हैं और पहाड़ चढ़ने से कतरा रहे हैं लेकिन अब उन्हें पहाड़ चढ़ना पड़ेगा और पहाड़ों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनका मैदान में ट्रांसफर होगा.

जी हाँ पुलिस विभाग से जुडी बड़ी खबर है। बता दें कि लंबे समय से मैदानी जिलों में डेट और पहाड़ी क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मचारियों का तबादला होगा। पुलिस विभाग इसकी तैयारी में जुटा है।उत्तराखंड में सिपाही से लेकर निरीक्षक तक तबादलों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 31 जुलाई से पहले गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में तबादले होने हैं, इसके लिए सभी जिलों के कप्तानों से पहाड़ व मैदानी जिलों में पुलिसकर्मियों के समयकाल का ब्यौरा भी मांग दिया है। पहाड़ी जिलों से ड्यूटी करने से कतराने वाले पुलिसकर्मियों ने ‘महानुभावों’ के जरिये फोन भी घनघनाना शुरू कर दिया है।

पुलिस विभाग की स्थानांतरण नीति 2020 के तहत हर वर्ष 31 मार्च तक सिपाही से निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों के तबादले किए जाते हैं। इस साल चुनाव आचार संहिता के कारण अब तक पुलिसकर्मियों के तबादले नहीं हो पाए हैं। पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी आदेशों के तहत 31 जुलाई तक अनिवार्य रूप से पुलिसकर्मियों के तबादले किए जाने हैं। पूर्व में जारी आदेशानुसार अनुकंपा के आधार पर स्थानांतरण की बात कही गई थी लेकिन अब 4 मैदानी जिलों व 9 पर्वतीय जिलों में समयसीमा पूर्ण करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले 31 जुलाई तक किए जाने हैं।

यह है विभाग की स्थानांतरण नीति
पुलिस विभाग की स्थानांतरण नीति के तहत जिन निरीक्षक व दारोगा की तैनाती मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर व नैनीताल में आठ वर्ष लगातार होगी उन्हें पर्वतीय जनपद जबकि पर्वतीय जनपदों में चार वर्ष पूर्ण करने के बाद मैदानी जनपदों में तैनात किया जाएगा। वहीं मैदानी जिलों में 12 से 16 वर्ष तैनात रहने वाले आरक्षी व मुख्य आरक्षी का तबादला पर्वतीय जिलों में किया जाएगा जबकि छह से आठ वर्ष पर्वतीय जिलों में तैनात रहने वाले आरक्षी व मुख्य आरक्षी को मैदानी जिलों में भेजा जाएगा।

पुलिस कर्मियों के सामने यह भी है बड़ी समस्या

इस साल स्थानांतरण देरी से होने के चलते पहाड़ी जनपदों में नौकरी करने वाले निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी व आरक्षी मैदानी जिलों में आने को तैयार नहीं है। इसका एक कारण यह भी है कि लंबे समय से पहाड़ी जिलों में ड्यूटी के चलते वह बच्चों का दाखिला स्कूलों में कर चुके हैं। मैदानी जिलों के स्कूलों में दाखिलों को लेकर मारामारी है, और स्कूलों का नया सैशन भी शुरू हो चुका है। यही हाल मैदानी जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों का है। हालांकि विभाग की मानें तो जितने पुलिसकर्मी पहाड़ से स्थानांतरण होकर मैदानी जिलों में आएंगे, उतने ही पहाड़ी जिलों में भेजे जाएंगे।

स्कूल लेकर आईजी गढ़वाल रेंज करण सिंह नग्नयाल का कहना है कि पुलिसकर्मियों के तबादलों को लेकर होमवर्क पूरा हो चुका है। किसी भी हाल में 31 जुलाई से पूर्व तबादले किए जाने हैं। जितने पुलिसकर्मी पहाड़ी जनपदों से तबादले होकर मैदानी जनपदों में आएंगे उतने ही मैदानी जनपदों में भेजे जाएंगे। एक-दो जिलों से लिस्ट आनी बाकी है, जिसके बाद तबादला सूची जारी की जाएगी।

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