चमोली: माउंट त्रिशूल क्षेत्र में हिमस्खलन के कारण लापता हुए नौसेना के जवानों की तलाश अब कश्मीर की हाई एल्टीट्यूड एक्सपर्ट टीम करेगी। टीम को बुलाया गया है। खोज में लगी निम की टीम को घटनास्थल पर कुछ शव दिखे हैं। कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि वहां चार शव दिखे हैं।
लापता जवानों में दल के कमांडर की 13 साल की काम्या भी शामिल बताई जा रही है जिसे कई उपलब्धियां हासिल है। काम्या के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। 26 जनवरी को इसी साल पीएम मोदी ने काम्या को सम्मानित किया था। शवों को बरामद करने के लिए घटनास्थल पर टीम को उतारा गया है। हालांकि मौसम खराब होने की वजह से अभियान में दिक्कत भी आ रही है। उन्होंने रविवार तक सर्च अभियान पूरा होने की संभावना जताई है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह राहत-बचाव टीम द्वारा हिमस्खलन वाली जगह का हवाई मुआयना किया गया। इस दौरान देखा गया कि घटना स्थल बेहद ऊंचाई पर स्थित है। इसलिए कश्मीर की हाई एल्टीट्यूड एक्सपर्ट टीम को बुलाया गया। माउंट त्रिशूल क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हुए नौसेना के पर्वतारोहियों दल की तलाश में सेना ने राहत-बचाव ऑपरेशन शनिवार सुबह से शुरू किया गया।
शुक्रवार को जोशीमठ में मौसम खराब होने के कारण राहत-बचाव टीम आगे नहीं बढ़ पाई थी। घटना की सूचना के बाद दल की तलाश में उत्तरकाशी से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का तीन सदस्यीय दल रवाना हो गया था। निम के अनुसार लापता हुए दल में नौ सेना के पांच सदस्य और एक शेरपा शामिल हैं। निम के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि राहत-बचाव टीम में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, प्रशिक्षक दीप शाही व सौरभ रौतेला शामिल हैं।