पौड़ी : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा जिसमें पुलिस कार्मिक एक युवक को थप्पड़ मारते हुए दिख रहा है। प्रथम दृष्टया पुलिस कार्मिक को दोषी मानते हुए पौड़ी एसएसपी ने सम्बन्धित पुलिस कार्मिक को लाइन हाजिर किया गया है व प्रकरण की विस्तृत जांच प्रचलित है।
ये वीडियो कंडोलिया का बताया जा रहा है। और जिसे थप्पड़ मारा है वो छात्र है जिसका नाम हिमांशु है। थप्पड़ वाली घटना के बाद छात्र संघ के नेताओं ने थाने के बाहर हंगामा किया और कार्रवाई की मांग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिमांशु मंगलवार दोपहर को बिना हेलमेट के बाइक पर दो युवतियों को ले जा रहा था। उसी दौरान चौकी इंचार्ज ने बाइक रोकने के लिए कहा तो युवक ने इनकार कर दिया। चौकी इंचार्ज ने किसी तरह उसे आगे नहीं जाने दिया।आरोप है कि इसके बाद युवक ने चौकी इंचार्ज को रौब दिखाया। जिसको देख चौकी इंचार्ज ने युवक को थप्पड़ जड़ दिया। बताया जा रहा है कि हिमांशु के भाई पर भी छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज है।जांच में यह बात सामने आई कि जिस युवक को थप्पड़ मारा गया उसे गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया गया है। युवक को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया जा रहा है। हालांकि सच्चाई क्या है ये जांच का विषय है।
युवा पीढ़ी को भी रहना चाहिए मर्यादा में।
हम ये नहीं कहते कि इंचार्ज का हाथ उठाना सही है। ये सरासर गलत है। लेकिन युवा पीढ़ी को भी अपनी मर्यादा में रहना चाहिए। खाकी की इज्जत करनी चाहिए। यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। अक्सर हम देखते हैं कि युवक यूतियां फराटे भरते हुए बाइक में जाते हैं। वह बिना हेलमेट के और हादसा होने पर उनके परिवार को दुख होता है। इसे रोकने के लिए पुलिस चालान भी करती है गाड़ी भी सीज करती है लेकिन फिर भी युवा पीढ़ी बाज नहीं आती है।
जब बच्चा गलती करता है तो माता पिता भी बच्चे को डांटते हैं और उसे सही राह दिखाने के लिए कभी कबार थप्पड़ भी मार देते हैं। इसका मतलब ये नहीं कि फिर बच्चे उनका विरोध करें और रोष व्यक्त करे। क्योंकि कुछ चीजे उनकी भलाई के लिए होता है। बहरहाल मामले की जांच की जा रही है। कि आखिर सच्चाई क्या है।