बड़ी खबर : उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने किया सिपाही का अवॉर्ड के लिए चयन निरस्त

देहरादून: उत्तराखंड डाकिया की खबर का बड़ा असर हुआ है। उत्तराखंड डाकिया ने बीते दिन एक खबर प्रकाशित की थी जिसमे पुलिस विभाग का गजब का कारनामा सामने आने का खुलासा किया था। जिसमे हरिद्वार में नशा खोरों के साथ सांठगांठ के आरोप में एक कांस्टेबल का हरिद्वार से पहाड़ में ट्रांसफर किया गया है जिसमे 15 अगस्त को सम्मान मिलना है।सजा भी और सम्मान भी..।आखिर ये मुमकिन कैसे??खबर का संज्ञान देते हुए पुलिस मुख्यालय ने सिपाही का अवार्ड के लिए चयन को निरस्त कर दिया है। इसके बाकायदा आदेश भी जारी हो चुके हैं।

 

पुलिसकर्मियों की लिस्ट भी जारी की गई थी

पुलिस मुख्यालय की ओर से 9 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस 15 के मौके पर सेवा के आधार पर और विशिष्ट कार्य के लिये पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक और उत्कृष्ट/सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह प्रदान किये जाने की घोषणा की गई थी। सम्मानित होने वाले पुलिसकर्मियों की लिस्ट भी जारी की गई थी।

चयन निरस्त किया जाता है

इस लिस्ट में आरक्षी 30 नापु हेमन्त जनपद हरिद्वार को विशिष्ट कार्य के लिये सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह प्रदान किये जाने की भी घोषणा की गई थी। जबकि आरक्षी हेमंत के परिप्रेक्ष्य में हरिद्वार एसएसपी ने 12 अगस्त को उपलब्ध करायी गई आख्या और इस क्रम में मुख्यालय स्तर पर गठित समिति की संस्तुति के आधार को विशिष्ट कार्य के लिये सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह हेतु घोषित आरक्षी 30 नापू हेमन्त जनपद हरिद्वार (जनपद रुद्रप्रयाग स्थानान्तरित) का चयन निरस्त किया जाता है।

ये था पूरा मामला

7 अगस्त को डीआईजी नीरू गर्ग के आदेश पर एक हरिद्वार जिले के 8 सिपाहियों के ट्रांसफर प्रशासनिक आधार पर पहाड़ के जिलों में किए गए हैं। इन पर ड्रग्स माफिया को मदद पहुंचाने के आरोप हैं। जांच के दौन इन कांस्टेबल के नंबर ड्रग्स माफिया की कॉल डिटेल में मिल हैं। इसी आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी गई है।

सम्मान कैसे दिया जा सकता है?

सवाल यह उठता है कि जो सिपाही ड्रग्स माफिया को पुलिस की मुखबरी करता होए उसे सम्मान कैसे दिया जा सकता हैघ् इस मामले में कुछ कांस्टेबल सस्पेंड भी किए जा चुके हैं। डीजीपी ने भी मामले को बहुत गंभीरता से लिया था। लेकिनए स्वतंत्रता दिवस के दिन सम्मानित होने वालों में सूची में हरिद्वार के कांस्टेबर हेमंत का नाम भी शामिल है।

ये है मामला

ज्वालापुर में एसटीएफ की टीम की ओर से नशा तस्करों पर की गई कार्रवाई के बाद चल रही जांच में कॉल डिटेल के आधार पर 8 पुलिसकर्मियों की ओर हिस्ट्रीशीटर नशा तस्कर से सांठगांठ सामने आई है। इन पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर पहाड़ी जिलों में कर दिया गया है। आपको बता दें कि ज्वालापुर थाना क्षेत्र में STF देहरादून की टीम ने 16 अप्रैल को छापा मारते हुए हिस्ट्रीशीटर सत्तार उसके भतीजे राहिल और एक महिला को गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था

इसके साथ ही नशा तस्करों से सांठगांठ रखने के आरोप में ज्वालापुर कोतवाली के सिपाही अमजद हुआ नारकोटिक सेल में तैनात सिपाही रईस राजा को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था इसके साथ ही दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया। डीजीपी ने जांच के आदेश दिए थेए जांच में 8 पुलिसकर्मियों के हिस्ट्रीशीटर सत्तार से फोन पर बात करने की जानकारी सामने आई हैए जिसके बाद डीआइजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने सभी का पहाड़ तबादल कर दिया है।

इनका हुआ ट्रांसफर

इस मामले पर एसएसपी सेंथिल अबुदई ने बताया कि हेड कांस्टेबल विकास बलूनी को चमोलीए ज्वालापुर कोतवाली के सिपाही रविंद्र नेगीए मनमोहन को भी चमोली भेजा गया है। इनके अलावा हेमंत नारकोटिक्स सेल में तैनात सत्येंद्र चौधरी व अन्य थाना कोतवाली में तैनात विनोदए जयप्रकाशए हुकुम सिंह का ट्रांसफर रुद्रप्रयाग कर दिया गया है।

एसएसपी के वाहन का ड्राइवर

यह मामला बहुत गंभीर है। सवाल यह है कि जिले से लिस्ट भेजते वक्त एसएसपी ने इस बात का ख्याल क्यों नहीं रखा कि लिस्ट में किसका नाम भेजा जा रहा है। जबकि उनको पूरे मामले की जानकारी है। ड्रग्स मामले में एसएसपी के वाहन का ड्राइवर भी आरोपी है।

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