उत्तराखंड : आम जनता पर कार्रवाई, और DM-SSP और यातायात प्रभारी को खुली छूट, इनका चालान कौन काटेगा?

अल्मोड़ा :यातायात नियमों का पालन न करने पर आम जनता का भारी भरकम चालान किया जाता है कभी कभी तो गाड़ी तक सीज कर दी जाती है. पुलिसकर्मी जनता को यातायात नियमों का पालन करने की सलाह देते हैं लेकिन उनके खुद के आला अधिकारी इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।

जी हां आज बात करेंगे अल्मोड़ा की जहां डीएम, एसएसपी, यातायात प्रभारी की गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही ह वो भी बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के लेकिन बड़ा सवाल है कि इनका चालान कौन करेगा. जब अधिकारियों की गाड़ियों का ये हाल है और आला अधिकारी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो पुलिस कर्मी आम जनका का चालान किस मतलब से काटती है,

आपको बता दें कि ये खुलासा तब हुआ जब मुख्यालय में चलने वाली पुलिस, प्रशासन व अन्य विभाग की गाड़ियों की पड़ताल की गई. खुलासा हुआ है कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एम-परिवहन एप में जांच के दौरान पुलिस की 2-3 गाड़ियों को छोड़ किसी भी गाड़ी का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं बना हुआ था. इनमे एसएसपी से लेकर यातायात प्रभारी की गाड़ी भी शामिल है। और तो और डीएम की गाड़ी का भी यही हाल है..

आपको बता दें कि पुलिस और परिवहन विभाग गाड़ियों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र नहीं होने पर 2500 रुपए का जुर्माना लगता है लेकिन इनका चालान कौन काटेगा ये बड़ा सवाल है। 2019 में आए मोटर-व्हीकल एक्ट में अगर कोई पुलिस, परिवहन का कर्मचारी व अधिकारी नियम तोड़ते हुए पाया जाता है तो उन पर चालान के साथ दोगुना जुर्माना वसूलने का प्रावधान रखा गया है। लेकिन जब से यह एक्ट लागू हुआ तब तो शायद ही एक भी दोगुना जुर्माना वाला चालान हुआ होगा। आम लोेगों ने के इस दौरान जमकर चालान किए गए।

वहीं इस खबर के बाद अल्मोड़ा  के संभागीय परिवहन अधिकारी गुरुदेव सिंह का कहना है कि अगर कोई नियम तोड़ रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन सवाल ये है कि इन गाड़ियों का चालान कौन और कब काटेगा.

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