रुड़की: गुरुकुल नारसन में इंसानियत शर्मशार होने का मामला सामने आया है। गुरुकुल नारसन में हाइवे के किनारे एक गरीब परिवार रहता है। परिवार की गर्भवती महिला ने सड़क पर ही एक बच्ची को जन्म दिया। वहीं, परिवार के मुखिया राजेश ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती थी, जिसकी डिलेवरी होनी थी। महज अस्पताल से 100 कदम दूरी पर ही गर्भवती महिला ने सड़क पर एक बच्ची को जन्म दिया।
जन्म के बाद बच्ची का पिता नवजात बच्ची को गुरुकुल नारसन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर आया, जबकि उक्त व्यक्ति जच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने में असमर्थ था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात सुरक्षा गार्ड को उक्त व्यक्ति ने सड़क पर डिलीवरी होने की बात कही। वहीं, नवजात बच्ची को डॉक्टरों द्वारा इलाज दिया गया। लेकिन, सुरक्षा गार्ड द्वारा पीड़ित को डॉक्टर ना होने की बात कहकर वापस भेज दिया।
चिकित्सा अधीक्षक विवेक तिवारी ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जाएगी। साथ चिकित्सा अधीक्षक विवेक तिवारी द्वारा सरकारी एम्बुलेंस भेजकर महिला को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है और महिला को उचित इलाज दिया जा रहा है।