सीडीएस जनरल बिपिन रावत की विमान क्रैश हादसे में निधन हो गया। इसी के साथ उनकी पत्नी और 12 सेना के जवान और अधिकारी शहीद हो गए थे। सेना ने ब्लैक बॉक्स ढूंढ लिया था जिसकी रिपोर्ट आ गई है। हालांकि रिपोर्ट को लेकर कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन वायुसेना की टीम ने रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी है. ट्राई सर्विस जांच समिति ने हादसे की गहराई से जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और विमान हादसे की जांच कर रही ट्राई सर्विस समिति के प्रमुख एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के हेलीकाप्टर हादसे से जुड़ी जांच के निष्कर्षों को लेकर रक्षा मंत्री को उनके आवास पर करीब 45 मिनट का प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान रक्षा सचिव अजय कुमार और मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। आधिकारिक तौर पर अभी तक जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि ट्राई सर्विस जांच समिति का स्पष्ट निष्कर्ष है कि हेलीकाप्टर में उड़ान के दौरान कोई तकनीकी खराबी नहीं थी और न ही इस पर किसी तरह का कोई बाहरी हमला हुआ।
सेना को घटनास्थल से मिले ब्लैक बॉक्स से कुछ नहीं मिला जिससे ये साबित हो की ये साजिश के तहत हुआ या विमान में तकनीकी खराबी आने के कारण। या पायलट और सह पायलट की ओर से कोई चूक हुई हो। जांच समिति का निष्कर्ष है कि कुन्नूर के इलाके में चट्टानों के बीच जब सीडीएस का हेलीकाप्टर उड़ान भर रहा था, उसी दौरान अचानक बादलों के एक झुंड ने उसे ढक लिया। घने बादलों के बीच हेलीकाप्टर पहाड़ी चट्टान के एक हिस्से से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें भरे ईंधन की वजह से उसमें भीषण आग लग गई।
माना जा रहा है कि जांच में हादसे के प्रमुख कारण के रूप में कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (सीएफआइटी) की पहचान हुई है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अनुसार सीएफआइटी का मतलब ऐसी दुर्घटना से होता है जो जमीन, पानी या किसी अवरोध से टकराकर होती है और जिसमें एयरक्राफ्ट से नियंत्रण खोने का कोई संकेत नहीं मिलता।