रायगढ़. अगर आपको कहा जाए कि भगवान शिव कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे तो आपको सुनने में अटपटा लगेगा लेकिन ये बिल्कुल सच है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से ऐसा मामला सामने आया है। रायगढ़ तहसील कोर्ट ने पहले तो 10 लोगों समेत भगवान शिव को नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिया था।. इतना ही नहीं कोर्ट में पेश न होने पर 10 हजार रुपये जुर्माना समेत बेदखली की चेतावनी दी गई. इसके बाद 25 मार्च को तहसील कार्यालय रायगढ़ में भगवान शिव सहित दर्जनों लोग पेशी में उपस्थित हुए लेकिन भगवान शिव को पेशी के लिए अगली तिथि दी गई. क्योंकि पीठासीन अधिकारी अन्य शासकीय कार्यों में व्यस्त थे.
मामला रायगढ़ नगर निगम वार्ड न 25 के अंतर्गत कौहाकुंडा क्षेत्र का है, जहां विगत दिनों नायब तहसीलदार रायगढ़ के द्वारा सरकारी जमीन और तालाब में कब्जे को लेकर 10 लोगों को नोटिस जारी किया था, जिसमे भगवान शिव का भी नाम शामिल था. इतना ही नहीं तहसील कार्यालय के नोटिस में भगवान शिव सहित सभी को चेतावनी भी दी गई थी कि सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल किया जा सकता है.
बता दें कि नायब तहसीलदार के द्वारा जो 10 कब्ज़ा धारियों को नोटिस जारी किया गया था, उसमे छठवें नंबर पर शिव मंदिर का नाम है. जबकि यह शिव मंदिर सार्वजनिक है. नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है. बल्कि सीधे शिव भगवान को ही नोटिस जारी किया गया था. आज पेशी की तिथि पर वार्ड पार्षद सपना सिदार सहित दर्जनों लोग शिव मंदिर के शिवलिंग को लेकर पेशी में पहुंच गए. तहसीलदार के चेंबर के बहार सुचना चस्पा कर दिया गया की पीठासीन अधिकारी किसी अन्य शासकीय कार्यो में व्यस्त है।सुनवाई अब अगली तारीख 13 अप्रैल 2022 को होगी. हालांकि पूरे मामले में जवाबदार अधिकारी ने शासकीय कार्य मे बाहर होने की बात कह कुछ भी कहने से मना कर दिया है. इस मामले की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है.