देहरादून: पहाड़ की जवानी, पहाड़ के काम नहीं आती है। ये बात साबित भी हुई है। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहाड़ की जवानी, पहाड़ के काम आई है। पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों से बात भी की। इस दौरान उन्होंने टिहरी जिले के चम्बा निवासी मशरूम उत्पादन कर रहे सुशांत उनियाल से भी बात की।
सुशांत दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते थे, लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने गांव में कुछ अलग करने की ठानी। उन्होंने खेती के लिए मशरूम को चुना और उसमें सफलता हासिल की। आज उनके प्रयासों से आसपास के क्षेत्रों के लोग भी मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कदम बढ़ा रहे हैं। सुशांत का कहना है कि लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उनको उत्पादन के लिए तैयार कर रहे हैं और खुद उनके उत्पाद को बाजार में मार्केट करने की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं।
उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल जी ने यह साबित कर दिखाया है कि पहाड़ की जवानी पहाड़ के कितने काम आ सकती है। pic.twitter.com/doRgge0Y5N
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
सुशांत, ढींगरी मशरूम उत्पादन इकाई के माध्यम से मशरूम उत्पादन का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सरकारी योजनाओं से बहुत लाभ हुआ है। अपने मशरूम उत्पादन से आस पास के ग्रामीणों को भी जोड़ा है। उसके चलते लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल जी ने यह साबित कर दिखाया है कि पहाड़ की जवानी पहाड़ के कितने काम आ सकती है। भारतीय कृषि को नई दिशा देनी है
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है, हमें इसे उलट करना है। सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है। युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है। सरकार का प्रयास है कि शहरों और गांवों में सुविधाओं के भेद को कम करना है।