पहलगाम हमले के बाद अलर्ट मोड पर दून पुलिस, सीमाओं व आंतरिक मार्गों पर की जा रही वाहनों की सघन चेकिंग, डॉग स्क्वाड-BDS टीम भी मौजूद, 25 आपत्तिजनक पोस्ट हटवाई

देहरादून : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई जिसमें एक लोकल का रहने वाला युवक भी शामिल था। वहीं इसके बाद उत्तराखंड में अलर्ट जारी किया गया है। डीजीपी के आदेश पर देहरादून पुलिस अलर्ट मोड पर है और लगातार बीती रात से चेकिंग अभियान चला रही है. खुद एसएसपी अजय सिंह चेकिंग करने सड़क पर उतरे।

एसएसपी के आदेश पर जनपद की सीमाओं व आंतरिक मार्गो पर पुलिस द्वारा प्रत्येक वाहन/ व्यक्ति की सघन चेकिंग की जा रही है। बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में डॉग स्क्वाड तथा बीडीएस टीम द्वारा भी लगतार सघन चेकिंग की जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार पुलिस द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है।

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुई दुखद घटना के दृष्टिगत उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर दून पुलिस द्वारा संपूर्ण जनपद में लगातार सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत पुलिस द्वारा वाहनो की चेकिंग के साथ साथ बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों आदि स्थानों पर डॉग स्क्वाड व बम डिस्पोजल टीम के साथ सघन चेकिंग सुनिश्चित की जा रही है।

पहलगाम में हुई घटना के संबंध में आमजन द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर की जा रही पोस्टों के माध्यम से अपनी प्रतिक्रियाये व्यक्त की जा रही है, पुलिस द्वारा सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर भी सर्तक नजर रखी जा रही है।

पुलिस का कहना है कि पहलगाम दुखद घटना पर आमजन द्वारा अपनी प्रतिक्रिया दिया जाना स्वाभाविक है, परन्तु ऐसी पोस्टें, जिसमे लोगों द्वारा धार्मिक रूप से अथवा बदले की भावना से कटाक्ष किये गये है, ऐसी सभी पोस्टों की पुलिस द्वारा मॉनिटरिंग करते हुये उक्त सभी लोगों को ऐसी पोस्टे ना करने के सम्बन्ध में समझाया जा रहा है, साथ ही संयम बनाये रखने की अपील की जा रही है।

आमजन से दून पुलिस की अपील है कि दुख की इस घड़ी में सभी लोग साथ है, अतः सोशल मीडिया के माध्यम से किसी धर्म सम्प्रदाय के प्रति कोई ऐसी पोस्ट अथवा कमेंन्ट ना करें, जिससे किसी की धार्मिक भावनायें आहत हो अथवा धार्मिक उन्माद या साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका हो।

पुलिस द्वारा अब तक सोशल मीडिया के माध्यम से की गयी लगभग 25 आपत्तिजनक पोस्टों को हटवाते हुये उन्हे करने वाले व्यक्तियों की काउन्सलिंग की गयी है, यदि किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर धार्मिक उन्माद फैलाने अथवा साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया के माध्यम से आपत्तिजनक पोस्ट की जाती है तो उसे नोटिस देते हुए उसके विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

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