देहरादून : उत्तराखंड में आईटीआई और दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी भवन सहित कई अन्य निर्माण कार्यों में 130 करोड़ रुपए से ज्यादा के गबन की बात सामने आई है। यह गबन उत्तर प्रदेश राज्य के निर्माण निगम के पूर्व अधिकारियों द्वारा किया गया है।इनमें से कुछ अधिकारी सेवानिवृत हो चुके हैं जबकि एक बर्खास्त हो चुका है। विभागीय जांच के बाद इन सभी अधिकारियों के खिलाफ देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश राज्य के निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक ने इसकी शिकायत की है। मामला साल 2012 से 2018 के बीच का है उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट निर्माण के लिए दिए। इन्हीं 6 सालों में निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने लेखा अधिकारी के साथ मिलकर करीब 130 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला कर दिया।
ऐसे खुला पूरा मामला
जब मामले की विभागीय जांच की गई तो पता चला कि तत्कालीन अधिकारियों ने मनमानी ढंग से निर्माण कार्यों के नाम पर जमकर लूट की है।पैसों की इस बंदरबाट में एक प्रोजेक्ट में जमीन प्राप्त किए बिना ही करोड़ों रुपए का भुगतान भी कर दिया गया।
विभागीय जांच पूरी होने के बाद यूपीआरएनएन यूनिट 1 के अपर परियोजना प्रबंधक ने निगम के पूर्व 6 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। आरोपियों के यह गबन आईटीआई भवन निर्माण, दून अस्पताल ओपीडी निर्माण, आपदा राहत केंद्र आदि के निर्माण के दौरान किया गया है
इन अधिकारियों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज
तत्कालीन परियोजना अधिकारी शिव आसरे शर्मा
तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा,
सहायक लेखा अधिकारी राम प्रकाश गुप्ता।
सतीश कुमार उपाध्याय स्थानिक अभियंता
राम प्रकाश गुप्ता सहायक लेखा अधिकारी
वीरेंद्र कुमार सहायक लेखा अधिकारी
वहीं एसएसपी ने बताया है कि जांच के दौरान अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट का इंतजार है,इसलिए सभी मुकदमों को स्पेशल इनविटेशन सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है और साक्ष्यों के आधार अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।
बता दे कि सुनील कुमार मलिक, अपर परियोजना प्रबन्धक उत्तरप्रदेश राजकीय निर्माण निगम इकाई-1 ने शिकायत दर्ज कराई है कि साल 2018-19 से पहले के मामलों में वित्तीय अनियमितता और गबन से संबंधित मामलों में विभागीय जांच के बाद पाई गई करोड़ों रुपए के गबन ओर अनियमितता पर मुकदमा दर्ज किए गए है।