पहले से खस्ता हाल केदारनाथ यात्रा रूट आपदा के बाद बुरी तरह क्षति ग्रस्त, शासन-प्रशासन को नहीं जान माल की हानि का अनुमान,आपदा राहत के कार्यों में जुटे कार्यकर्ता- सूर्यकांत धस्माना

देहरादून: यूं तो पहले से ही केदारनाथ बद्रीनाथ यात्रा रूट खस्ता हाल था किंतु बुधवार रात केदार घाटी में आई आपदा से पूरी केदार घाटी में भारी तबाही हुई है और हजारों यात्री पैदल मार्ग दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर ध्वस्त होने से फंस गए जिनको कल सुबह से रेस्क्यू किया जा रहा है लेकिन जान माल का कितना नुकसान हुआ इसका सही आंकलन शासन प्रशासन अभी तक नहीं कर पाया है।

यह बात आज केदार घाटी से लौटे उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताई। उन्होंने कहा कि वे लगातार चार धाम यात्रा रूट के खराब हालत पर यात्रा शुरू होने से पहले से बोल रहे थे किंतु राज्य की सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और आज जब बीते बुधवार को केदार घाटी में बादल फटने की घटना हुई और दो दर्जन से ज्यादा स्थानों में पैदल रास्ता क्षति ग्रस्त हो गया तब जा कर राज्य की सरकार व आपदा प्रबंधन विभाग की आंखें खुली।

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सोन प्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक एक दर्जन स्थानों पर तो पैदल रास्ता पूरी तरह से वाशआउट हो गया और इसके अलावा इतने ही स्थानों पर मलवा आने और बोल्डर गिरने से रास्ता चलने योग्य नहीं रहा। धस्माना ने कहा कि सीतापुर से आगे सोनप्रयाग लिनचोली , बड़ी लिनचोली, रामबाड़ा में स्थितियां भ्यावाह दिख रही हैं और अभी इस आपदा में जान माल का कितना नुकसान हुआ है इसका कोई सही आंकलन शासन प्रशासन नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूरे रास्ते में थे जब यह घटना घटी और मलवा बोल्डर गिरने से क्या क्या नुकसान हुआ है उसका अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सका किंतु अनेक लोग लापता हैं जिनका समय पर पता लगाया जाना जरूरी है।

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता कल सुबह ही घटना स्थल पर पहुंच गए थे और यथा सम्भव प्रभावितों की सहायता के लिए एसडीआरएफ और प्रशासन के हाथ बंटाने का काम किया। श्री धस्माना ने बताया कि उन्होंने स्वयं स्थितियों का जायज़ा लिया और फाटा में मौजूद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली व रेस्क्यू कर लाए गए लोगों से भी बातचीत की।

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हमारे सामने २०१३ की आपदा की यादें व अनुभव ताजा है किंतु हमारी सरकार शासन प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग ने उनसे कोई सबक नहीं लिया है और आज भी हमें पता नहीं है कि कितने लोग सोनप्रयाग से केदारनाथ तक के रूट में मौजूद थे जब यह घटना घटी क्योंकि कांवड़ यात्रा के नाम पर पंजीकरण आदि सब व्यवस्थाएं ध्वस्त थीं और इसीलिए लोगों की सही संख्या व जन हानी के बारे में अभी तक सही आंकलन नहीं है। श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस ने इन विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपनी श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा को स्थगित कर दिया है और यात्रा में शामिल सभी पार्टी नेता व कार्यकर्ता आपदा राहत के कार्यों में जुट गए हैं।

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि परिस्थितियां पूरी तरह सामान्य होने पर यात्रा पुनः सीतापुर से प्रारंभ हो कर श्री केदारनाथ धाम पहुंचेगी।

 

 

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