देहरादून । लोकसभा चुनावी के बाद भाजपा के पुराने और कुछ नये नेताओं में कलह देखने को मिली।जो सोशल मीडिया के जरिए खुलकर सामने आई। अनुशासित पार्टी कहलाई जाने वाली भाजपा की जमकर किरकिरी हुई। विपक्ष ने भी आडे़ हाथ लिया जिसके बाद प्रदेश
प्रदेश अध्यक्ष ने पढाया अनुशासन का पाठ
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दो विधायकों समेत चार नेताओं को तलब किया था। आज सभी नेता भाजपा कार्यालय पहुंचे जहां प्रदेश अध्यक्ष ने सभी को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। भाजपा ने आज पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों को लेकर मीडिया में चल रही अनावश्यक चर्चा पर विराम लगाते हुए सभी को अनुशासन के दायरे में रहने की ताकीद की है।
नेताओं ने स्वीकारा- कुछ गलतफहमियां हुई
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ हुई बैठक में सभी नेताओं ने स्वीकारा है कि कुछ गलतफहमियां हुई थी जिन्हे भविष्य में नहीं दोहराया जाएगा । टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय और भाजपा में शामिल हुए दिनेश धनै के बीच रार देखने को मिली।
विधायक किशोर उपाध्याय ने पत्र के जरिये पूर्व विधायक दिनेश धनै पर निशाना साधा कि उन्होंने टीएचडीसी की एक बैठक में उन पर उनकी सिफारिश पर उनके समर्थकों को ठेके दिए जाने का आरोप लगाया है। पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद धनै ने भी किशोर पर निशाना साधा।दोनों की बयानबाजी से पार्टी असहज हुई। विपक्ष को भी भाजपा पर निशाना साधने का मौका मिला।
विधायक और दायित्वधारी के बीच तकरार का दूसरा मामला रानीखेत में सामने आया। रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल और उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत के बीच तकरार इस कदर बढ़ी कि प्रदेश अध्यक्ष भट्ट को दखल देना पडा और सबकी क्लास ली गयी।