देहरादून से आज की बड़ी ख़बर है। बता दे कि फॉरेस्ट हेड क्वार्टर में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड के दफ्तर की चाबी को लेकर घमासान मचा। ऑफिस स्टाफ ने राजीव भरतरी को दफ्तर की चाबी नहीं दी। राजीव भरतरी के स्टाफ और विनोद सिंघल के स्टाफ में चाबी को लेकर बहसबाज़ी हुई।
बता दे कि हाईकोर्ट ने मंगल वार 10 बजे तक राजीव भरतरी को मुखिया कआ पद संभालने के निर्देश दिये थे। राजीव भरतरी सुबह 9 बजकर 45 मिनट से दफ्तर खुलने का इंतज़ार कर रहे थे। पर उनको दफ़्तर की चाबी नही दी गई।
बता दे कि सोमवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायाधीश आलोक वर्मा ने ऑनलाइन सुनवाई करते हुए राजीव भरतरी को वन विभाग का मुखिया पद पर बहाल करने के आदेश दिए। कैट ने भी भरतरी के पक्ष में फैसला दिया था।
गौरतलब है कि पिछली भाजपा सरकार में वन मंत्री हरक सिंह ने राजीव भरतरी को वन मुखिया के पद से हटाए दिया गया था। हॉफ पद से हटाए जाने के निर्णय के खिलाफ राजीव भरतरी ने कैट का दरवाजा खटखटाया था। और कहा था कि उन्हें राजनीतिक कारणों से हटाया गया।
आइएफएस राजीव भरतरी ने कहा है कि वरिष्ठतम भारतीय वन सेवा के अधिकारी होने के बावजूद सरकार ने 25 नवम्बर 2021 को उनका तबादला प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के चेयरमैन पद पर कर दिया था। भरतरी ने कहा कि उनका स्थान्तरण राजनीतिक कारणों से किया गया ।
इस सम्बंध में उन्होंने सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए लेकिन सरकार ने सुनवाई नहीं की।इस मामले में राज्य सरकार व विनोद सिंघल की रिव्यू पिटीशन को भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।