उत्तराखंड के लिए गले की फांस बना UP, सचिवालय रक्षक भर्ती मामले का खुलासा, पहला आरोपी गिरफ्तार, पेनड्राइव से चुराया था पेपर

देहरादून : उत्तराखंड का पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश देवभूमि के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। नशे का व्यापार हो या फिर अपराध करके उत्तराखंड में शरण लेना हो उत्तर प्रदेश के अपराधी अपराध कर उत्तराखंड को अपना ठिकाना बना रहे हैं।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में लखनऊ की आर आई एम एस कंपनी का मालिक गिरफ्तार हुआ है। वीडीयो-वीपीडीओ भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक एसटीएफ ने 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर किया है।

वहीं अब उसी कंपनी में कार्यरत एक और कर्मचारी गिरफ्तार किया गया है हालांकि यह मामला सचिवालय रक्षक भर्ती का मामला है जिसमे आरोपी ने पेनड्राइव के माध्यम से प्रश्नपत्र चुराया था और उसे लाखों रुपए में बेचा था। यह परीक्षा भी यूकेएसएसएससी ने करवाई थी इसीलिए कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो अब तक 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है हालांकि मामला सचिवालय रक्षक भर्ती का है।

पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जांच के क्रम में सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में थाना रायपुर में एसटीएफ द्वारा मुकदमा दर्ज कराया था। एसटीएफ की टेक्निकल टीम द्वारा आयोग में गहन जांच बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को पाने में सफलता हासिल की।

इस मामले में आरोपी प्रदीप पाल निवासी बाराबंकी उत्तर प्रदेश को साक्ष्य व गहन पूछताछ के बाद एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया गया है।

उपरोक्त अभियुक्त भी RIMS कंपनी का कर्मचारी था और आयोग में लंबे समय से कार्यरत था,जिसने पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र चुराया गया और अन्य साथियों की मदद से परीक्षार्थियों को लाखो रुपए में बेचा गया था
अपील:जो छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए है उनको चिन्हित कर लिया गय है,अपने बयान खुद आकर दर्ज कराने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी

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