हरिद्वार : मंगलवार को कृषि मंत्री गणेश जोशी की हरिद्वार में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक थी जिसमे कृषि संबंधी समस्याओं और उनके समाधान को लेकर पतंजलि की भूमिका और सहयोग पर चर्चा की गई।इस बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। कृषि मंत्री ने इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों को 100 दिन में अपनी वर्क रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। लेकिन ये बैठक अब सुर्खियों में आ गई है। लोग सरकार को फटकार लगा रहे हैं साथ ही मंत्री गणेश जोशी को भी। बैठक तो ठीक थी लेकिन कांग्रेस और जनता को इस बैठक में एक चीज खटकी वो हैं आचार्य बालकृष्ण का मीटिंग में होना।
बता दें कि कृषि मंत्री गणेश जोशी की कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में बालकृष्ण आचार्य भी मौजूद रहे जो की कांग्रेस को रास नहीं आई। विपक्ष औऱ लोगों का कहना है कि सरकारी विभागिया बैठक में बालकृष्ण आचार्य होने और अधिकारियों को निर्देश देने का मामला। कांग्रेस ने उठाए सवाल है कि किस प्रोटोकॉल के तहत आधिकारिक मीटिंग में बालकृष्ण को शामिल किया गया है। कांग्रेस का सवाल है कि आखिर किस पद और किस हैसीयत से वो इस सरकारी विभागीय मीटिंग में शामिल रहे।
कांग्रेस ने सवाल करते हुए भाजपा पर हमला किया है कि मंत्री की सरकारी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में बालकृष्ण किस पद की हैसीयत से बैठे और क्यों? उत्तराखंड में अफसर शाही तो बेलगाम है ही साथ ही मंत्री भी बेलगाम होते जा रहे हैं जिस पर सीएम धामी कैसे लगाम लगाएंगे?