देहरादून: गुरु को छात्र-छात्रों का मार्गदर्शक कहा जाता है जो उनको भविष्य की राह दिखाता है ताकि वो कामयाबी हासिल कर सकें और अपने मुकाम पर पहुंच सके। माता पिता के बाद शिक्षक ही बच्चे की जिंदगी में अहम रोल निभाता। गलत चीजों से दूर रहने को कहता है लेकिन पौड़ी जिले में शिक्षक का ऐसा रुप देखने को मिला जिससे बच्चों पर भी गलत असर पड़ रहा है। ऐसे शिक्षक पर विभाग को सरकार को एक्शन लेने की जरुरत है।
ताजा मामला पौड़ी जिले के थलीसैंण का है जहां का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि जो शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा है वो नशे में धुत्त है और उसकी जुबां लड़खड़ा रही है। वो बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा रहा है। इतना ही नहीं शिक्षक ने शर्ट तक नहीं पहनी। अगर बच्चों को राह दिखाने वाला और ज्ञान देने वाला टीचर खुद ही शराब पीकर धुत्त है। वो बच्चों को क्या पढ़ाएंगे और उनको क्या शिक्षा देंगे।
मामला थलीसैंण के प्राथमिक विद्यालय कुणेथ का है। स्कूल का प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार स्कूल टाइम में शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुंचा। जानकारी के अनुसार प्रधानाचार्य 2008 से इस स्कूल में नियुक्त है। आलम यह है कि शराबी शिक्षक से परेशान लोगों ने बच्चों का नाम स्कूल से कटवा लिया है। लेकिन, कुछ बच्चे ऐसे हैं, जो मजबूरी में वहीं पढ़ रहे हैं।
अब स्कूल में सिर्फ़ 47 बच्चे रह गये हैं। आरोपी प्रधानाचार्य पूर्व में स्कूल में ही रहता था। लेकिन, शराब पीकर ग्रामीणों के साथ हंगामा करने पर 2018 में स्थानीय ग्रामीणों शिक्षक को स्कूल में निवास नहीं करने दिया और तब से स्कूल सहायक अध्यापक विनोद चौहान की देखरेख में चल रहा है। गांव के प्रधान मनवर सिंह के अनुसार मामले की शिकायत ब्लॉक शिक्षा अधिकारी थलीसैंण और मुख्य शिक्षा अधिकारी से भी कर दी गई है।
उनका कहना है कि अब तक प्रधानाचार्य पर कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीण अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं। गांव वालों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द प्रधानचार्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो स्कूल से बच्चों के नाम कटवा देंगे।