देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीते दिन भाजपा ने 59 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करदी है लेकिन टिकट मिलने की आस लिए बैठे कई नेता इससे आहत हैं और उनके बगावती सुर उठने लगे कविता निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं तो कई कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं।
नरेंद्रनगर विधानसभा में टिकट नहीं मिलने पर भी चुनाव मैदान में उतरने के ऐलान कर दिया है। पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने कल देर रात एक नई धोषणा की है, ओम गोपाल ने एक वीडियो संदेश में साफ कहा है कि बीजेपी को विचारधारा से कोई मतलब नहीं, तो हमने भी विचारधारा को ढोने का ठेका नहीं लिया है। मैं कभी नहीं चाहता था, लेकिन मजबूर होकर अब दल बदलने जा रहा हूं। मैं अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में जा रहा हूं।
बता दें, कि ओमगोपाल रावत को नरेंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के एक कदावर नेता माना जाता है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी होने के साथ ही वह 2007 में यूकेडी से इसी सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, तब उन्होंने अपने प्रतिद्वदी सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) को (तब कांग्रेस में) 4 वोट से पराजित किया था। 2012 में वह बीजेपी के टिकट पर लड़े और दूसरे नंबर रहे। तब सुबोध 401 वोट से जीत पाए थे। 2017 में उन्होंने निर्दलीय ताल ठोकी और कांटे की टक्कर दी।
अब उन्होंने टिकट की दावेदारी की, लेकिन भाजपा ने सुबोध उनियाल पर भरोसा जताया, तो ओमगोपाल ने खुली बगावत का ही ऐलान नहीं किया बल्कि अब कांग्रेस में जाने की बात भी कह दी है।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि ओमगोपाल कभी भी कांग्रेस में जाने के इच्छुक नहीं रहे, यहां तक के 2017 में भी उन्हें कांग्रेस में लाने की कोशिशें हुई थी।