हरिद्वार में एसटीएफ की टीम ने छापेमारी कर तथाकथित पत्रकार रूपेश वालिया सहित 7 लोगों से साढ़े 4 करोड़ रुपए की पुरानी करंसी बरामद की है। बताया जा रहा है कि इस पूरी वारदात के पीछे तथाकथित पत्रकार रूपेश वालिया सरगना था।
मिली जानकारी के अनुसार इस रकम को बदलने के लिए हरिद्वार लाया गया था। विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तराखंड एसटीएफ की ये बड़ी कार्रवाई है। एसटीएफ ने करोड़ों की पुरानी नकदी के साथ 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि पकड़ी गई रकम पुराने नोटों की बताई जा रही है, जिसे बदलने के लिए हरिद्वार लाया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड एसटीएफ की एक टीम को हरिद्वार में पुरानी करेंसी के बदले नए नोट बदलने की सूचना कई दिनों से मिल रही थी जिसके बाद एसटीएफ सतर्क और चौकन्नी हो गई थी सूचना मिलते ही एसटीएफ उत्तराखंड ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए जाल बिछा दिया था। शाम को एसटीएफ इंस्पेक्टर अब्दुल कलाम ने अपनी टीम के साथ हरिद्वार की एक कॉलोनी में छापा मारकर 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिनके कब्जे से पुराने करीब साढ़े 4 करोड रुपए के नोट बरामद हुए हैं। जब्त किए गए सभी नोट 500 और ₹1000 के बताए जा रहे हैं। बरामद रकम चार से साढ़े चार करोड़ के बीच हो सकती है जिसकी देर रात तक रकम की गिनती का कार्य ज्वालापुर थाने में चल रहा है।
शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि यह गैंग आरबीआई के किसी बड़े अधिकारी के संपर्क में था जिसकी मदद से वह पुरानी करेंसी बदलने का नेटवर्क संचालित कर रहा था। बताते हैं कि 5 करोड की एवज में एक करोड़ की नई करेंसी मिलनी थी जिसकी एवज में आरोपियों को कमीशन मिलना था। देर रात तक ज्वालापुर कोतवाली में आरोपियों से पूछताछ जारी है।
सूत्रों से पता चला है कि पकड़े गए आरोपियों में एक तथाकथित पत्रकार रूपेश वालिया पुत्र सतीश वालिया निवासी जगजीतपुर मुख्य आरोपी है. बाकी सभी आरोपी ऋषिकेश और उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले बताए जा रहे हैं।