बड़ी खबर : समय पर होंगे UP-उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव, इस तारीख के बाद कभी भी लग सकती है आचार संहिता

देहरादून : उत्तराखंड और यूपी में रैलियों का दौर जारी है क्योंकि यहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। रैलियां और प्रचार प्रसार जोरों शोरों पर है क्योंकि दोनों राज्यों में जल्द आचार संहिता भी लगने वाली है। आपको बता दें कि यूपी और उत्तराखंड में समय पर चुनाव होंगे। साथ ही 5 जनवरी को यूपी की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा उसके बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है।

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने गुरुवार को कहा कि लखनऊ दौरे के दौरान उनसे मिलने वाले सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने विधानसभा चुनाव सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर कराए जाने की मांग की है। यह इस बात का संकेत है कि चुनावी राज्यों में चुनाव स्थगित नहीं होंगे। अपने तीन दिवसीय दौरे के अंत में मीडिया को संबोधित करते हुए, सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब 52.08 लाख नए मतदाता हैं जो आगामी विधानसभा चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।मतदाताओं की संख्या में वृद्धि और मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए हमने यह सुनिश्चित करने के लिए 11,000 और मतदान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है कि भीड़ न हो। इसके साथ, मतदान कर्मियों की संख्या में भी वृद्धि होगी। हम राज्य भर में मतदान केंद्रों पर भीड़ को रोकने के लिए मतदान का समय भी एक घंटे बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण बातें जो मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहीं वो निम्नलिखित है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाता, कोरोना संक्रमित मतदाता और दिव्यांग मतदाताओं को घर पर ही वोट डालने की सुविधा मिलेगी. आयोग ने कहा, हमने राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की थी. राजनीतिक दलों की मांग है कि समय पर चुनाव कराया जाए. रैलियों में नफरती भाषण व रैलियों में हो रही भीड़ पर भी कुछ दलों ने चिंता जताई है. पोलिंग बूथ पर पर्याप्त संख्या में महिला बूथकर्मी की भी मांग की गई है.2017 के मतदान का प्रतिशत 61% था, जो लोकसभा चुनाव के समय में घटकर 59% हो गया था. वोटिंग % घटना चिंता का विषय है.

राज्य में अब तक मतदाताओं की कुल संख्या 15 करोड़ से अधिक है. अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाता के वास्तविक आंकड़े आएंगे. अंतिम प्रकाशन के बाद भी अगर किसी का नाम ना आए तो वो क्लेम कर सकते हैं सीईसी ने कहा कि फ्रंटलाइन पोलिंग वर्कर्स फुली वैक्सीनेटेड होंगे और यह निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्य में हर किसी को कम से कम एक डोज लगी हो.

उन्होंने कहा, यूपी के अधिकारियों ने हमें बताया है कि 50 प्रतिशत आबादी फुली वैक्सीनेटेड है और राज्य में अब तक सिर्फ 4 केसओमिक्रोनके मिले हैं.

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