देहरादून : साल 2016 में विधानसभा कूच करने और प्रदर्शन के दौरान पुलिस के सबसे चर्चित घोड़े शक्तिमान की टांग तोड़ने के मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत समेत पांच आरोपियों को आज कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बता दें कि कोर्ट ने गणेश जोशी समेत पांचों आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है जिससे सालों बाद गणेश जोशी ने इस प्रकरण को लेकर राहत की सांस ली है।
आपको बता दें कि साल 14 मार्च 2016 में विधानसभा सत्र के दौरान धक्का-मुक्की हुई थी जिसमें प्रदर्शनकारियों में गणेश जोशी भी शामिल थे।सभी विधानसभा कूच करने गए थे और रिस्पन्ना में प्रदर्शन कर रहे थे। गणेश जोशी पर आरोप लगे कि उनके कारण पुलिस के घोड़े शक्तिमान का पैर टूट गया था। गणेश जोशी का घोड़े को डंडे मारने का वीडियो भी वायरल हुआ। शक्तिमान को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उसका उपचार चला लेकिन कुछ दिन बाद घोड़े ने दम तोड़ दिया। फिर मामला बढ़ गया।
इसके बाद पुलिस ने गणेश जोशी और उनके समर्थकों के खिलाफ घोड़े से क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने (आईपीसी 429) व धारा 144 का उल्लंघन (आईपीसी 188) करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। इसके चार दिन बाद 18 मार्च 2016 को गणेश जोशी को सहारनपुर रोड स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 22 मार्च को उन्हें न्यायालय ने जमानत दे दी थी। इधर, शक्तिमान को बचाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन 20 अप्रैल को उसकी मौत हो गई थी।
मामला दर्ज होने के बाद मसूरी विधायक गणेश जोशी को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भी लिया जबकि विधायक गणेश जोशी ने खुद को इस मामले में पूरी तरह से बेकसूर बताया था। वे यहां तक कह गए थे कि यदि उनकी कहीं भी भूमिका सामने आए तो उनके भी पैर काट दिए जाएं और मैं हर प्रकार की सजा के लिए तैयार हूं। वर्ष 2016 से मामला देहरादून के सीजेएम कोर्ट में चल रहा है जहां आज आखिरकार लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को दोष मुक्त कर दिया गया है।