देहरादून : उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के मध्य छिड़ी रार थमने का नाम नहीं ले रही है। जी हा बता दें कि शमशेर सिंह सत्याल को हटाने की मांग पर अड़े रावत ने अब श्रम मंत्रालय ही छोड़ने की पेशकश कर दी है। हरक सिंह रावत के इस फैसले से सियासत में भूचाल आ गया है और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के मुताबिक वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह कर चुके हैं कि अगर सत्याल अधिक काबिल हैं, तो उन्हें ही श्रम मंत्री बना दिया जाए। खबर है कि सीएम धामी जल्द इस मसले पर फैसला ले सकते हैं.
आपको बता दें कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ही देख रहे थे। त्रिवेंद्र रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान शमशेर सिंह सत्याल को कर्मकार बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया। तब से ही सत्याल और हरक सिंह रावत के बीच जंग छिड़ी हुई है। तब से श्रम मंत्री और बोर्ड के अध्यक्ष सत्याल के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। दोनों के मध्य जुबानी जंग छिड़ी है और वे एक-दूसरे के कदमों को नियम विरुद्ध करार देने से भी नहीं चूक रहे।
वहीं हरक सिंह रावत की त्रिवेंद्र रावत के लिए भी सबके सामने खुलकर सामने आ चुकी है। वो त्रिवेंद्र रावत के फैसले के खिलाफ थे। क्योंकि कहा जाता है कि शमशेर सिंह सत्याल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी माने जाते हैं। त्रिवेंद्र रावत के द्वारा ये जिम्मेदारी सालों बाद शमशेर को देने से हरक सिंह रावत नाराज हो गए और ये नाराजगी अभी भी जारी है। वहीं हरक सिंह रावत इसको लेकर कई बार सीएम धामी से बात भी कर चुके हैं लेकिन कोई फैसला ना आने पर हरक सिंह रावत ने श्रम मंत्रालय छोड़ने की पेशकश की है जिससे सियासी भूचाल आ गया है।
वहीं खबर है कि कर्मकार कल्याण बोर्ड का विवाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दरबार में पहुंच चुका है। सीएम धामी जल्द इस पर बड़ा फैसला सुना सकते हैं।