देवस्थान बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर आंदोलित तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीर्थपुरोहितों हकहकूक धारियों का लगातार विरोध प्रदर्शन और गुस्सा जारी है। वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान से वो और भड़क गए हैं। तीर्थपुरोहितों ने त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। बता दें कि गंगोत्री समेत यमनोत्री, केदारनाथ-बद्रीनाथ के पुरोहितों ने मंदिरों के सामने प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया था लेकिन अभी तक उनकी मांग सरकार द्वारा पूरी नहीं की गई है। वहीं शीघ्र ही देवस्थानम बोर्ड भंग न करने पर मुख्यमंत्री आवास पर कूच करने की चेतावनी दी। शनिवार को गंगोत्री धाम व मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए बोर्ड में नामित सदस्य कृपाराम का पुतला दहन किया। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों का धरने को 36 दिन हो गए। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई कर्रवाई नहीं की गई ।
नए सीएम पुष्कर धामी से तीर्थ पुरोहित उम्मीद जताए हैं लेकिन अब तीर्थ पुरोहितों की उम्मीद पर पानी फिर गया है। जी हां बता दें कि सीएम धामी ने उत्तरकाशी में ऐसा बयान दिया है जिससे तीर्थ पुरोहित एक बार फिर से भड़क गए हैं। बता दें कि सीएम के बयान से साफ है कि सरकार देवास्थानम बोर्ड को भंग करने के मूड में नहीं है केवल सरकार इसमे संशोधन करेगी। सीएम धामी ने कहा कि तीर्थ पुरोहित सोच रहे हैं कि उनका हक सरकार छीन लेगी सीएम ने कहा कि ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य केवल चारो धामों में व्यवस्थाएं बनाए रखा है ताकि वहां अच्छी बिजली पानी की व्यवस्था हो और साफ सफाई हो।
सीएम ने कहा कि सर्वहित धारकों से विचार कर फैसला किया है हमारी सरकार इसके संशोधन के पक्ष में है। सीएम ने कहा कि इसके लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा और फिर आगे फैसला लिया जाएगा। सीएम के बयान से साफ है कि सरकार इस बोर्ड को भंग नहीं करेगी बल्कि तीर्थ पुरोहितों के हित को ध्यान में रखते हुए सिर्फ इसमे संशोधन करेगी।