पौड़ी गढ़वाल : केदार सिंह भंडारी मामले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दें कि पुलिस हिरासत से भाग का युवक के गंगा में कूदकर आत्महत्या करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। युवक द्वारा गंगा में कूद कर आत्महत्या करने का आरोप पुलिस ने लगाया है जबकि परिवार को अंदेशा है कि पुलिस ने कुछ गड़बड़ की है।
वहीं बता दें कि पौडी़ सीजेएम कोर्ट ने लक्ष्मण झूला थाने में तैनात रहे इंस्पेक्टर संतोष कुमार और एक अन्य दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
आपको बता दें कि केदार सिंह भंडारी पुत्र लक्ष्मण भंडारी निवासी उत्तरकाशी के धौंतरी का रहने वाला था जो की अग्निवीर भर्ती के लिए आया था और वह अचानक लापता हो जाता है।
पुलिस के अनुसार तपोवन में वह होटल के काम बहाने आया था। इसी बीच मुनिकीरेती पुलिस ने चेकिंग के दौरान उससे सफेद रंग का कट्टा बरामद किया जिसमें कुछ सामान रखा था। पुलिस का कहना था कि पूछताछ के दौरान युवक ने किसी दान पत्र से चोरी करने की बात कबूली थी जिसके बाद मुनिकीरेती पुलिस ने चोरी का मामला लक्ष्मण झूला क्षेत्र का होने पर वहां की पुलिस से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी। आवश्यक कार्रवाई करने के बाद लक्ष्मण झूला पुलिस अपने साथ ले गई यहां पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो घबरा गया।
पुलिस का कहना है कि वह पुलिस को चकमा देकर भाग गया और घाट में होते हुए लक्ष्मण झूला पुल से गंगा नदी में छलांग लगा दी। यह सारी वारदात सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसके बाद युवक की तलाश गंगा में की गई लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने लक्ष्मण झूला थाने के निरीक्षक संतोष कुमार को एसएसपी ऑफिस में अटैच कर दिया था। इसी के साथ केदार सिंह रावत के पिता ने कोर्ट में याचिका दायर की थी और आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या पुलिस अभिरक्षा में हुई है।
बीती 22 अगस्त की घटना के मामले में सीजेएम रवि प्रकाश शुक्ला ने आज फैसला सुनाया है और इंस्पेक्टर संतोष कुंवर समेत एक अन्य उप निरीक्षक पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं