कार दुर्घटना में घायल भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर और बल्लेबाज ऋषभ पंत की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। हालांकि उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द व सूजन अभी बनी हुई है। जिसके लिए उन्हें पेन मैनेजमेंट थेरेपी दी जा रही है.
वहीं बुधवार को ऋषभ पंत को लिगामेंट इंजरी के उपचार के लिए मुंबई ले जाया गया है। जिसके लिए वह एंबुलेंस से दोपहर करीब डेढ़ बजे बाद मैक्स अस्पताल से रवाना हो गए। यहां से वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट गए और उन्हें मुंबई के लिए एयरलिफ्ट किया गया। उनके साथ छोटी बहन, अन्य स्वजन व डीडीसीए के डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रही।
डीडीसीए निदेशक श्याम शर्मा ने कहा है कि क्रिकेटर ऋषभ पंत को आगे के इलाज के लिए आज मुंबई के लीलावती अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। बताया जा रहा है कि बीसीसीआइ ने इसके लिए सहमति दी है।
वहां उनके घुटने और टखने की चोट का भी उपचार किया जाएगा। मुबंई में ऋषभ पंत के बीसीसीआइ के खेल आर्थोपेडिक डॉक्टरों की देखरेख में रहने की उम्मीद है। अगर सर्जरी होनी होगी तो ब्रिटेन या अमेरिका में की जाएगी, जिस पर बीसीसीआइ द्वारा फैसला किया जाएगा।
कहीं ना कहीं इस खबर ने देवभूमि की देशभर में किरकिरी की है. सवाल ये उठता है कि इतने बड़े अस्पताल मैक्स अस्पताल में क्या लिगामेंट सर्जरी की व्यवस्था नहीं थी? क्या सरकार उत्तराखंड में कहीं भी लिगामेंट सर्जरी की व्यवस्था नहीं कर पाई जिस कारण ऋषभ पंत को मुंबई का रुख अपनाना पड़ा.यह उत्तराखंड के लिए एक शर्मसार कर देने वाली खबर है. ऐसे में अगर उत्तराखंड में किसी को ऐसी प्रॉब्लम होती है तो वो बाहरी राज्यों के लिए ही रुख करेगा जोकि सरकार के लिए शर्मनाक है.